9 महीने बाद मुर्दों को मिला ‘इंसाफ’ नगर आयुक्त के संज्ञान के बाद सुधरने लगीं विद्युत शवदाह गृह की मशीनें

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रिपोर्ट : आशुतोष मिश्र ‘रुद्र’

‘इंडिया न्यूज़ 24X7 डिजिटल ने नगर निगम के ‘संवेदनहीन’ अभियन्ताओं की जैसे ही खबर के माध्यम से कलई खोली तो नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने मामले का तत्काल संज्ञान लिया। करीब 9 महीने से भैरवघाट विद्युत शवदाह गृह में बंद पड़ी मशीन की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। इसके बाद दूसरी मशीन की भी मरम्मत होगी जो 9 मई 2024 से बंद है। इस मामले को शहर की समाजसेवी संस्थाओं ने भी मुद्दा बनाते हुए शहर के आला अफसरों को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद जिम्मेदार अफसर नींद से जागे और उन्हें मशीन की मरम्मत की सुधि आई।


मुश्किल में ‘मुर्दे’ और मौज में ‘हाकिम’

गौरतलब है कि ‘इंडिया न्यूज़ 24×7 ने भैरवघाट विद्युत शवदाह गृह की दोनों मशीनें खराब होने से वहां पर अंतिम संस्कार बंद होने की खबर को 16 मई 2024 को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त के दखल के बाद विद्युत/यांत्रिक विभाग के अभियंता एक्टिव मोड में आए। इसके बाद मशीनों की मरम्मत का काम आनन-फानन में शुरू कराया गया।


विधुत शवदाह केंद्र की प्रतिकात्मक फ़ोटो
विधुत शवदाह केंद्र की प्रतिकात्मक फ़ोटो

लापरवाहों को ‘अभयदान’ क्यों 
इस पूरे प्रकरण में सवाल इस बात का है कि जिम्मेदार अभियंता 9 महीने तक कहां गायब रहे। अगस्त 2023 में एक मशीन खराब हुई थी। एक मशीन के सहारे काम चल रहा था तो क्या कभी उन्होंने विद्युत शवदाह गृह का निरीक्षण करने की जहमत उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। जिंदा इंसान तो छोड़िए, कम से कम मरने वालों का तो ख्याल किया होता। वास्तव में यह ‘अपराध’ की श्रेणी में आता है। इसके लिए जिम्मेदार दोषी स्टाफ के खिलाफ विभागीय स्तर पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। जिससे कड़ा संदेश जाए और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।


जून में बम्पर तबादले
स्वास्थ्य विभाग हो या अभियंत्रण विभाग। ऐसा देखने में आ रहा है कि आला अफसर धूप में निकल कर नियमित निरीक्षण कर रहे हैं और मातहत बंगलों पर या फिर मोतीझील दफ्तर में रिवॉल्विंग चेयर पर एसी की हवा का लुत्फ उठा रहे हैं। हालांकि, यह खेल ज्यादा दिन चलने वाला नहीं। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से संकेत मिले हैं कि जून में चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद बड़े पैमाने पर विभागीय स्तर पर तबादले होंगे। इसमें कई विभागों के बाबू से लेकर जोनल अधिकारी और अभियंता सब शामिल हैं। नगर निगम की छवि खराब करने वालों को माकूल जवाब मिलेगा। तमामों का शहर से बोरिया-बिस्तर उठना तय है जो लंबे समय से तबादला रुकवा कर यहां ‘मलाईदार’ सीट पर कब्जा जमाए बैठे हैं। लिस्ट तैयार है। हालांकि, यह सारी कवायद फिलहाल गोपनीय रखी जा रही है। 15 जून तक तस्वीर साफ हो जाएगी।


 

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