रिपोर्ट : अल्का राजपूत – कानपुर
■ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लग्ज़री नही बल्कि अपनी मारुति 800 कार से था बेहद प्रेम ।
■ पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के तत्कालीन एआईजी सीपीटी (एसपीजी) ने सांझा की पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की याद में मारुति की कहानी ।
कानपुर : राजनीति के गलियारों में एक बार फिर से सन्नाटा पसरा नज़र आ रहा है, दूर दूर तक पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से एक स्वर में सिर्फ एक आवाज सुनाई दे रही है कि राजनीति के क्षितिज से एक और योग्य सितारा भारत माँ को अलविदा कह गया, हर कोई कहता नज़र आ रहा है कि डॉ मनमोहन सिंह की का यू चले जाना भारतीय राजनीति के दौर में ये एक अपूर्णीय क्षति है । भारत मे दस वर्षो तक लगातार देश के प्रधानमंत्री रहे पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात को आकसिमक निधन हो गया, 92 वर्ष की आयु में पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी अंतिम सांसे ली । ऐसे में उनके निधन पर भारत की राष्ट्रपति समेत देश के पीएम, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, सत्तादल व विपक्षी दलों के साथ देश के तमाम पूर्व व वर्तमान मंत्रियों का उनके निवास पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आना जाना लगा है ।
ऐसे में लोग डॉ मनमोहन सिंह के साथ अपनी अपनी यादों को साझा करते नज़र आ रहे हैं, वहीं उनके निधन पर उनके साथ बिताई गयी यादों को प्रेषित करते हुए एक संदेश सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है । इस पोस्ट को करने वाले कोई और नही हैं बल्कि ये खास पोस्ट करने वाले शख्स उस वक्त पीएम के तत्कालीन एआईजी सीपीटी थे । इस तत्कालीन एसपीजी बॉडीगार्ड के द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री की सादगी और निर्मल छवि के बारे में बेहद सहजता से लेखन कर के बताया गया है की उन्हें आसमान नही बल्कि ज़मीन पसंद थी । पोस्ट में उस वक्त की यादों का जिक्र किया गया है जब डॉ मनमोहन सिंह पहली बार भारत देश के प्रधानमंत्री बने थे ।
सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए तत्कालीन एसपीजी बॉडीगार्ड व वर्तमान राज्यमंत्री स्वतन्र्त प्रभार ने क्या लिखा ..?
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर असीम अरुण ने सोशल मीडिया पर अपनी यादें सांझा करते हुए लिखा कि: मैं 2004 से लगभग तीन साल उनका बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में पीएम की सुरक्षा का सबसे अंदरुनी घेरा होता है – क्लोज़ प्रोटेक्शन टीम जिसका नेतृत्व करने का अवसर मुझे मिला था। एआईजी सीपीटी वो व्यक्ति है जो पीएम से कभी भी दूर नहीं रह सकता। यदि एक ही बॉडी गार्ड रह सकता है तो साथ यह बंदा होगा। ऐसे में उनके साथ उनकी परछाई की तरह साथ रहने की जिम्मेदारी थी मेरी।
आगे उन्होंने ने बताया कि डॉ साहब की अपनी एक ही कार थी मारुति 800, जो पीएम हाउस में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू के पीछे खड़ी रहती थी। मनमोहन सिंह जी बार-बार मुझे कहते थे असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति 800 ) मैं उन्हें समझाता कि सर यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स ऐसे हैं जिसके लिए एसपीजी ने इसे लिया है। लेकिन जब कारकेड मारुति के सामने से निकलता तो वे हमेशा मन भर उसे देखते। जैसे संकल्प दोहरा रहे हो कि मैं मिडिल क्लास व्यक्ति हूं और आम आदमी की चिंता करना मेरा काम है। करोड़ों की गाड़ी पीएम की है, मेरी तो यह मारुति है। इस पोस्ट के साथ असीम अरुण ने अपनी एक फोटो भी सांझा की।
पहली नौकरी से अबतक हर कार्यक्षेत्र में चीते सी रफ्तार और बाज सी नज़र रखने वाले असीम अरुण के बारे में जाने ?
कानपुर कमिश्नरेट बनने के बाद यहां पर आईपीएस असीम अरुण को कानपुर का पहला कमिश्नर बनाकर भेजा गया था। यही से जाने के बाद उन्होंने आईपीएस की नौकरी को अलविदा कहा और VRS लेते हुए जनता की सेवा करने के लिए राजनीति में उतर गए। भाजपा ने उन्हें वर्ष 2022 में उनके ग्रह जनपद कन्नौज से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा और उन्होंने भाजपा शीर्ष नेतृत्व के भरोसे पर खरा उतर कर दिखाया और अपनी सीट पर एक बड़ी जीत हाँसिल की । इस समय असीम अरुण उत्तर प्रदेश सरकार में समाज कल्याण राज्य मंत्री स्वतन्र्त प्रभार है। एक समय ऐसा भी था जब असीम अरुण एसपीजी में थे और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बॉडी गार्ड हुआ करते थे। असीम अरुण अपने शुरवाती दिनों से ही तेज़ तर्रार अधिकारी की छवि के लिए जाने जाते रहे हैं । इसी बात का बड़ा उदहारण है कि एसपीजी में भी उन्हें पीएम की सुरक्षा का सबसे नजदीकी घेरा कहे जाने वाले क्लोज प्रोटेक्शन टीम में बतौर एआईजी सीपीटी, बनाया गया था मतलब यदि पीएम के साथ सिर्फ एक गार्ड भी रहता है तो वो होता है एआईजी सीपीटी ।