असम के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने राज्य में रह रहे बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बांग्ला बोलने वाले मुस्लिमों को बाल-विवाह और बहुविवाह जैसी कुरीतियों को छोड़ना होगा। उसके बाद ही वे असम के मूल निवासी खिलोंजिया कहलाए जाएंगे। इससे पहले भी सीएम सरमा ने बांग्ला-भाषी मुस्लिमों को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया था। उस वक्त भी उन्होंने कहा था कि असम में सामाजिक कुरीतियों के लिए बांग्ला-भाषी मुस्लिम समुदाय के लोग जिम्मेदार हैं। सरमा ने कहा था कि इस समुदाय के ज्यादातर लोग बांग्लादेश से आए हुए हैं।
महिआओं को शिक्षित बनाएः बता दें कि असम में बंगाली बोलने वाले मुस्लिमों को मियां कहा जाता है। सीएम सरमा ने कहा कि मियां यहां के मूल निवासी हैं या नहीं। यह अलग विषय है। हम यह कह रहे हैं कि बंगाली बोलने वाले मुस्लिम अगर मूल निवासी बनाने चाहते हैं तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उनको कुरितियों को छोड़ना होगा और महिलाओं को शिक्षित करने के लिए प्रेरित करना होगा। तभी वो असम के मूल निवासी कहलाएंगे। उन्होंने कहा कि बाल विवाह और बहुविवाह को भी छोड़ना होगा।
असम के रीति रिवाज को मानने होंगे : मुख्यमंत्री इसके बाद आंकड़े को लेकर भी बोले। उन्होंने कहा कि 2023 में दो चरणों में बाल विवाह और बहुविवाह के खिलाफ अभियान चलाया गया था। फरवरी में पहले चरण में 3483 लोगों को गिरफ्तार किया गया था और 4515 मामले दर्ज किए गए थे। इसके बाद अक्टूबर में दूसरे चरण में 915 लोगों को अरेस्ट किया गया और 710 मामले दर्ज किए गए।