CAA : नागरिकता संशोधन अधिनियम CAA साल 2019 में पास हुए इस कानून को केंद्र की मोदी सरकार ने लागू कर दिया है। इस कानून को लेकर विपक्षियों द्वारा विरोध भी हो रहा है और आलोचक सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच रहे हैं। इसी कड़ी में एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी CAA कानून के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। ओवैसी ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने एनआरसी का मुद्दा भी उठाया है। उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर करके अपील की है कि सीएए के कार्यान्वयन पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। एआईएमआईएम प्रमुख ने अदालत से कहा कि सीएए के बाद देश में एनआरसी आ रहा है और यह दोनों का अपवित्र गठजोड़ है। एनआरसी के माध्यम से भारतीय मुसलमानों को निशाना बनाए जाने का प्लान है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि निर्देश जारी करें कि इन कार्यवाहियों के लंबित रहने के दौरान, किसी भी व्यक्ति को नागरिकता अधिनियम, 1955 की धारा 2(1)(बी) के प्रावधानों का सहारा लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी (क्योंकि ये नागरिकता द्वारा संशोधित है)।
CAA के खिलाफ ओवैसी ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, बोले- तुरंत लगे रोक
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