Time to write @

- Advertisement -

GOOD NEWS : देश में इन दिनों नए नए प्रयोग भारत की कार्य करने की क्षमता को साड़ी दुनिया में दिखा कर चौका रहें हैं, ऐसे में ये खबर भी हटकर और चौकाने से साथ खुशियां देने वाली गुड न्यूज़ हैं ! तो चलिए अब सस्पेंस से पर्दा उठाते हैं, हम बात कर रहें हैं बिहार के गया जिले में स्थित बोधगया प्रखंड का बतसपुर गांव की, ये बिहार के गया का ऐसा पहला गांव है जहां गोवर्धन योजना द्वारा तैयार हुआ गैस हर घर में पहुंच रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार की तरफ से गोवर्धन योजना के तहत गांव के बाहर प्लांट लगाया है। जिसके जरिए अब हर घर में पाइप के माध्यम से गैस पहुंच रही है। अब गांव की महिलाएं इसी गोबर गैस की मदद से खाना बनाती हैं।

बता दें कि बतसपुर गांव में अब तक 35 लोगों के घरों में गोबर गैस का कनेक्शन पहुंच चुका है। जहां पहले गांव के लोग अपने मवेशियों के गोबर को गांव की सड़क के किनारे या घरों के बाहर इकट्ठा करते थे, वहीं अब गांव में गोबर गैस प्लांट लगने के बाद सभी लोग अपने-अपने मवेशियों का गोबर प्लांट में 50 पैसे प्रतिकिलो बेच रहे हैं। इससे गांव भी काफी साफ-सुथरा हो गया है।

गोबर गैस प्लांट से होती है बचत : वहीं दूसरी तरफ गांव की महिलाओं की मानें तो पहले सभी घरों में गोइठा और लकड़ी पर खाना बनता था और कभी-कभी एलपीजी सिलेंडर का भी इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन गोबर गैस प्लांट लगने से जहां पहले गैस की कीमत 1200 रुपये तक जाती थी, वहीं गोबर गैस प्लांट से कनेक्शन मिलने के बाद गैस की कीमत 500 से 600 रुपये पड़ती है। गोबर गैस कनेक्शन से महीने में यूनिट उठता है और उसी यूनिट के तहत पैसा लगता है। महीने की बात करें तो गोबर गैस का सिर्फ 600 रुपया लगता है।

प्लांट में गोबर डाल कर तैयार करते हैं गैस : गोबर गैस प्लांट में गांव के मवेशियों का गोबर प्लांट में डाल कर गैस तैयार किया जाता है। इसके बाद गांव के घरों में पाइप लाइन के द्वारा सुबह और शाम में गैस दी जाती है। गोबर गैस प्लांट के केयर टेकर दीपक कुमार ने जानकारी दी कि गोवर्धन योजना के तहत बोधगया के बतसपुर गांव में गोबर गैस प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट में गोबर और कूड़े कचरे से गैस बनाते हैं। इसमें गांव के मवेशियों का गोबर गैस प्लांट में डाला जाता है। इससे गांव में गोबर से हुआ प्रदूषण भी समाप्त हो रहा है और इस गोबर से तैयार किया हुआ गैस गांव में पाइप लाइन के जरिए घरों में पहुंचाया जाता है।

उन्होंने बताया कि फिलहाल गांव में गोबर गैस प्लांट के 35 कनेक्शन दिए गए हैं। गोबर गैस प्लांट में हर दिन 2 टन गोबर डाला जाना है। मगर अभी 800 से 900 किलो प्रीतिदिन इस प्लांट में गोबर डाला जा रहा है। इस प्लांट की क्षमता 200 टन की है। इस प्लांट को जितना गोबर चाहिए उतना गोबर अभी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लेकिन जब गांव के ग्रामीण जागरुक हो जाएंगे तब प्लांट को गोबर भी उपलब्ध हो जाएगा। एक यूनिट गैस से तीन टाइम का खाना बनाया जाता है।

वहीं इस संबंध में बोधगया के बतसपुर गांव में आए बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा, इसको बड़े पैमाने पर करने का हमारा मकसद है। इससे गांव के गरीब लोगों को फायदा होगा। गोबर का इस्तेमाल आप खाद के रूप में कर सकते हैं। गोबर से लकड़ी भी बनाई जा रही है और गांव के लोगों को आगे बढ़ने में मदद दी जा रही है।

अन्य भाषा में पढ़े :

अन्य खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

कानपुर: प्रॉपर्टी डीलर द्वारा मुख्यमंत्री पर टिप्पणी को लेकर बवाल, संत गोल्डन बाबा के नेतृत्व में डीएम कार्यालय पर संतो ने किया अनशन

रिपोर्ट : दीपक कुमार : संवाददाता कानपुर कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में प्रॉपर्टी डीलर प्रदीप तिवारी द्वारा...

आपातकाल: भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का काला अध्याय – शिवसेना के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. अभिषेक वर्मा

नई दिल्ली: शिवसेना (एनडीए) के राष्ट्रीय समन्वयक और एनडीए गठबंधन के चुनाव प्रभारी डॉ. अभिषेक वर्मा ने 25...

शिवसेना के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ. अभिषेक वर्मा ने योग दिवस पर किया योग एवं लोगों से इसे जीवन में उतारने की अपील

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शिवसेना (एनडीए गठबंधन) के राष्ट्रीय समन्वयक एवं चुनाव प्रभारी डॉ. अभिषेक वर्मा...

अहमदाबाद विमान हादसा: प्रधानमंत्री मोदी ने घायलों से की मुलाकात, समीक्षा बैठक की तैयारी

अहमदाबाद, 13 जून 2025: शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहमदाबाद पहुंचे और हाल ही में हुए विमान हादसे...
Enable Notifications OK No thanks