HEALTH NEWS : दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) की नई स्टडी में बताया गया है कि ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) के लक्षण और नींद की खराब गुणवत्ता सीधे तौर पर दिमाग के काम करने की क्षमता को प्रभावित करते हैं। इस अध्ययन में दक्षिण दिल्ली के दो इलाकों वसंत कुंज और मुनिरका के लोगों को शामिल किया गया था। एम्स की इस नई स्टडी 6,795 लोगों पर अध्ययन किया गया। स्टडी में पाया गया कि जिन्हें सोने में समस्या के लक्षण थे, उनकी याददाश्त, सीखने की क्षमता और दिमाग के सामान्य कामकाज पर बुरा असर पड़ा। इस अध्ययन में 49% महिलाएं 50 साल या उससे ज्यादा उम्र की थीं। अध्ययन में और पाया गया कि 50 से 60 साल के बीच की उम्र वाले लोगों में नींद की दिक्कत दिमाग को ज्यादा प्रभावित करती है, वहीं बुजुर्गों पर इसका उतना असर नहीं होता। अध्ययन में शामिल और एम्स की न्यूरोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि जो लोग सामान्य रूप से अच्छी नींद नहीं ले पाते थे, उनके दिमागी परीक्षणों में भी कम स्कोर आए, खासतौर पर याददाश्त, सीखने की क्षमता और निर्णय लेने के मामले में। हालांकि, जानकारी को समझने की क्षमता पर इसका असर नहीं दिखा।
इलाज कराने से होगी बीमारी दूर : शोधकर्ताओं का कहना है कि इस अध्ययन के नतीजों का मध्यम आयु और बुजुर्गों में डिमेंशिया (याददाश्त कमजोर होना) को रोकने के लिए काफी महत्व है। नींद में दिक्कत (ओएसए) के लक्षण और खराब नींद दोनों ही ऐसी चीजें हैं, जिन्हें बदला जा सकता है। अध्ययन में बताया गया है कि अगर लोगों को नींद में दिक्कत के लक्षणों और इसके बुरे प्रभावों के बारे में जानकारी नहीं होगी, इलाज कराने में हिचकिचाहट होगी और डॉक्टर भी इलाज कैसे करेगा। इसलिए डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
नींद पूरी नहीं होने से बढ़ती हैं मुश्किलें : एम्स के न्यूरोलॉजी विभाग के पूर्व प्रोफेसर और फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज के न्यूरोलॉजी विभाग के वर्तमान प्रमुख डॉ. कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि जिन लोगों की नींद पूरी तरह से नहीं आती है, उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर पाई गई।
अच्छी नींद लेने के लिए एम्स ने दिए कुछ सुझाव
हर रोज एक ही समय पर सोएं और उठें।
शराब, कैफीन, सिगरेट और दूसरी उत्तेजक चीजों का सेवन कम करें, खासकर दोपहर दो बजे के बाद।
सुबह उठने के बाद थोड़ी देर के लिए फिर से न सोएं।
शाम या रात में ध्यान लगाएं या दिमाग को शांत करने वाली एक्सरसाइज करें।
हमेशा एक ही समय पर खाना खाएं और रात में ज्यादा तलीय या चिकना खाना खाने से बचें।
रात का खाना सोने से कम से कम तीन घंटे पहले खा लेना चाहिए।