लेखक : अनामिका सिंह “अविरल’


मानवता को शर्मसार करने वाले इस आतंकी हमले में,हमलावारों ने गहरी साज़िश के तहत धर्म पूछ कर वार किया, ताकि हिन्दुस्तान में हिंदू मुसलमान के बीच आपसी फूट को जन्म दे सकें। और गृह युद्ध करवाकर कर हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों द्वारा जाति धर्म के नाम पर हिंदुस्तान के टुकड़े टुकड़े कर सके। हिंदुस्तान में रहने वाला कोई भी हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई जिहादी नहीं हो सकता, यदि वो जिहादी हैं तो हिंदुस्तानी नहीं हो सकता।
समझने वाली बात ये है कि आख़िर आतंकियों द्वारा धर्म पूछ कर वार क्यों किया गया??? सीधी सी बात है पाकिस्तान, भारत में ही गृह युद्ध जैसे हालात पैदा कर भारत की एकता और अखंडता पर वार कर हमें कमज़ोर करना चाहता है। 26 निरापराध हिंदुओं की निर्ममता पूर्वक हत्या, कर दी गई, उन मासूमों का अपराध सिर्फ़ इतना था कि वो हिंदुस्तानी थे। पूरे घटनाक्रम को यदि बारीकी से देखा जाए तो पाक के नापाक मंसूबे साफ़ साफ़ दिखाई दे रहे हैं।
मुसलमान हैं तो आतंकी होगा इस सोच को बदलना होगा
हिंदुस्तान में रहने वाला हर मुसलमान यदि आतंकी हो जाएगा तो हिंदुस्तान की तस्वीर बदल जाएगी। माना कुछ मुस्लिम जिहादी हो सकते है लेकिन कुछ लोगों की गलतियों की सजा हम अन्य निरापराध मुसलमानों को नहीं दे सकते
“याद रहे जिहादी का कोई धर्म या मज़हब नहीं होता”