■ कानपुर में रिकार्ड मतदान से बीजेपी खेमे में खुशी..रमेश अवस्थी ने जनता से की थी रिकॉर्ड बनाने की अपील
कानपुर : इस बार के लोकसभा चुनाव में कानपुर की जनता ने इतिहास रच दिया है। कानपुरवासियों ने अपना ही बनाया 40 साल पुराना रिकार्ड तोड़ दिया है। कानपुर नगर लोकसभा सीट पर 1984 के बाद पहली बार 52.90 फीसदी यानी करीब 53 फीसदी वोटिंग हुई है। 40 साल पहले 1984 के लोकसभा चुनाव में कानपुर में 55.94 % वोट पड़े थे। इसके बाद 2009 तक हुए सभी लोकसभा चुनावों में वोटिंग प्रतिशत कभी भी 50% तक पहुंच सका। माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में कानपुर की जनता ने बीजेपी प्रत्याशी रमेश अवस्थी की उस अपील को सहर्ष स्वीकार किया, जिसमें वो बार-बार लोगों से रिकॉर्ड वोटिंग करने और पुराने सभी रिकार्ड तोड़ने की अपील कर रहे थे। मतदान के दिन भी वो लगातार वीडियो-ऑडियो मैसेज जारी कर लोगों से वोटिंग का रिकार्ड बनाने की अपील करते रहे।
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को संपन्न चुनाव में कानपुर में करीब करीब 53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है। 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो कानपुर में 51.83 प्रतिशत और 2019 में 51.62 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले थे। जबकि इस बार करीब 2 प्रतिशत से ज्यादा वोट ज्यादा पड़े हैं। जानकारों की मानें तो कानपुर में वोट प्रतिशत बढ़ने से जीत और हार का अंतर बढ़ जाएगा। सियासी पंडितों के मुताबिक कानपुर में इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ने का सीधा फायदा बीजेपी प्रत्याशी रमेश अवस्थी को होगा। इस बार कानपुर में न सिर्फ वोटिंग का रिकार्ड बना है, बल्कि जीत के अंतर का रिकार्ड भी बनेगा। शायद इसलिए कानपुर में वोटिंग के बाद बीजेपी के खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई है, हालांकि ये सीट बीजेपी के लिए सुरक्षित सीट मानी जाती रही है। पिछले दो चुनावों में भी इस सीट से बीजेपी ही जीती थी। यहां इस बात का जिक्र करना भी जरूरी है कि चुनाव प्रचार से लेकर मतदान के दिन तक रमेश अवस्थी ने लगातार संदेश जारी कर कानपुर के मतदाताओं से इस बार के चुनाव में रिकार्ड वोटिंग कर इतिहास रचने की अपील की थी।
स्थानीय सियासत पर गहरी नजर रखने वाले समीक्षकों का कहना है कि शुरुआत में ये चुनाव बीजेपी प्रत्याशी रमेश अवस्थी के लिए मुश्किलों से भरा था। कहा जा रहा था कि उन्हें अंदर और बाहर दोनों ओर से कठिन चुनौती मिल रही है, लेकिन पहली बार चुनाव मैदान में उतरे रमेश अवस्थी ने केंद्रीय नेतृत्व के कुशल मार्गदर्शन और अपनी सूझबूझ से सभी चुनौतियों को अवसर में बदल दिया। उन्होंने बाहरी होने के विपक्ष के आरोपों का न सिर्फ मजबूती से जवाब दिया बल्कि जनता की नजरों में खुद को सक्षम और सशक्त नेता साबित करने में भी सफल रहे। बताया जा रहा है कि रमेश अवस्थी अपनी बेदाग और ईमानदार छवि की वजह से जनता की पहली पसंद बन गए। चुनाव प्रचार में भी उन्होंने विपक्षी नेताओं के आरोपों का जिस शालीनता और समझदारी से जवाब दिया, उससे वो जनता के दिलों में अपनी जगह बनाने में सफल रहे।
जानकार ये भी कहते हैं कानपुर की जनता ने पिछले दो चुनावों की तरह ही इस बार भी विकास के लिए वोट किया है। इस बार के चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी रमेश अवस्थी ने विकसित भारत, विकसित कानपुर का नारा देकर जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता बनाई। कहा ये भी जा रहा है कि रमेश अवस्थी के पक्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक रोड शो कर उनकी जीत पहले ही सुनिश्चित कर दी थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के तमाम दिग्गज नेताओं ने भी रमेश अवस्थी के समर्थन में चुनाव प्रचार किया था। इससे जनता के बीच रमेश अवस्थी के लिए सकारात्मक संदेश गया, जिसका असर चुनाव परिणामों में दिख सकता है।
आपको बता दें कि रमेश अवस्थी का सीधा मुकाबला इंडी गठबंधन के प्रत्याशी आलोक मिश्रा से है। मतदान खत्म होने के बाद बीजेपी प्रत्याशी ने जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कानपुर के जागरूक और जिम्मेदार नागरिकों ने बड़ी ही सूझबूझ से अपना जनादेश ईवीएम में बंद कर दिया है, जिसका ऐलान 4 जून को हो जाएगा। उन्होंने कहा कि चौथे चरण में मतदाताओं ने जिस उत्साह के साथ लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी दिखाई है, उससे स्पष्ट हो चुका है पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ है और 400 से ज्यादा सीटों के साथ वो तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। कानपुर में रिकार्ड वोटिंग के लिए उन्होंने पार्टी से सभी नेताओं और समर्पित कार्यकर्ताओं के प्रति दिल से आभार व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने मतदान प्रक्रिया संपन्न कराने वाले सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और सुरक्षाबलों को भी धन्यवाद अर्पित किया।
1984 से लेकर वर्ष 2024 तक लोकसभा कानपुर में वोटिंग के आंकड़े निम्नप्रकार हैं
- ♠ 2024 : 52.90 — ♠ 2019 : 51.62 — ♠ 2014 : 51.83 — ♠ 2009 : 36.90 — ♠ 2004 : 43.35 — ♠ 1999 : 44.83 — ♠ 1998: 48.52 —
- ♠ 1996 : 41.53 — ♠ 1991 : 37.71 — ♠ 1989 : 40.57 —- ♠ 1984: 55.94