रिपोर्ट : आशुतोष मिश्र ‘रुद्र’
जाजमऊ आगजनी केस में फंसे ‘सोलंकी ब्रदर्स’ के करीबियों पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। सूत्रों के हवाले से ताजा खबर मिली है कि ‘टीम सोलंकी’ में शामिल शहर के कई बिल्डर्स भी रडार पर आ गए हैं, हालांकि, लखनऊ से जारी आदेश पर चल रही इस कवायद को पुलिस-प्रशासन ने बेहद गोपनीय रखा है। लेकिन, विश्वस्त सूत्रों की मानें तो जांच के तार कानपुर विकास प्राधिकरण बड़ी ही गहराई के साथ जुड़े हुए बताएं जा रहें है ?
जांच के मिले सुराग : ‘ब्लैक मनी’ का एक बड़ा हिस्सा बिल्डर्स के पास है। जिसकी दम पर अभी भी दनादन मल्टीस्टोरी तन रही हैं। प्रवर्तन में तैनात एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित न करने की शर्त पर बताया कि करीब एक दर्जन निर्माण ऐसे हैं, जिनके निर्माणकर्ता (बिल्डर्स) पूर्व में इरफान के काफी खास सहयोगी रहे हैं। अचानक कंस्ट्रक्शन कंपनी में इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट ही छानबीन का ‘सुराग’ बना है। इनमें तमाम ‘पैराशूटर्स’ हैं। जिन्होंने अचानक कंस्ट्रक्शन लाइन में कदम रखा और देखते ही देखते शहर में दर्जनों अपार्टमेंट खड़े कर दिए। यहीं पर शक की सुई घूम गई। फिलहाल, जोन 1 और जोन 2 में काम कर रहे चार बिल्डर्स जांच के रडार पर बताए जा रहे हैं। गुपचुप तरीके से इनकी कुंडली खंगाली जा रही है। लखनऊ में तैनात एक बड़े अफसर ने जून 2024 तक मौजूदा जांच-पड़ताल के बाद बड़ी कार्यवाही के भी संकेत दिए हैं।
भारी पड़ेगा ‘बिल्डर प्रेम : केडीए के प्रवर्तन विभाग के अफसर आने वाली मुसीबत से बेखबर हैं। उन्हें इसका जरा भी इल्म नहीं। बिल्डर और केडीए कनेक्शन के क्लियर होने के बाद योगी सरकार का ‘चाबुक’ चलना तय समझिए। खास बात यह है कि जिन बिल्डर्स के नाम सामने आ रहे हैं। उनके लिए एक पूरी लॉबी केडीए में काम कर रही है। हर बिंदु पर जांच हो रही है। पुलिस की कार्यवाही में कई ‘खादी’ वाले और रसूखदार लपेटे में आ सकते हैं। फिलहाल, केडीए के अफसर इस मामले पर कोई भी टिप्पणी करने से बचते नजर आ रहे हैं। लेकिन, सच यह है कि केडीए उपाध्यक्ष के पद पर तैनात मदन सिंह गर्ब्याल की साफ-सुथरी छवि के आगे ज्यादा दिन तक खेल नहीं चलने वाला। हालांकि, इंडिया न्यूज़ 24×7 डिजिटल शासन एवं पुलिस विभाग के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से प्राप्त सूचना की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।
साभार : स्पस्ट आवाज़