

रिपोर्ट : रवि प्रताप सिंह : फतेहपुर
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के मलवा विकास खंड अंतर्गत रावतपुर ग्राम पंचायत में विकास के नाम पर लूट और गुंडागर्दी का खुलासा हुआ है। सूत्रों और इलाकाई लोगों के अनुसार ग्राम प्रधान सुनीता पर आरोप है कि वो केवल कागजी प्रधान हैं, जबकि वास्तविक सत्ता बाहुबली छोटे सिंह और उनके भाई फदली सिंह के हाथों में है। लोगों का आरोप है कि गांव में छोटे सिंह का आतंक इस कदर है कि ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं । कोई भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, छोटे सिंह ने ग्राम पंचायत की जीएस लैंड की अवैध प्लॉटिंग कर डाली और आवास योजना के नाम पर पात्र लाभार्थियों से मोटी रकम वसूल की।
मामला तब प्रकाश में आया जब गोपनीय शिकायत के बाद मीडिया ने ग्राम प्रधान सुनीता से सीधा संवाद किया। सुनीता ने स्पष्ट रूप से छोटे सिंह को अपना प्रतिनिधि बताते हुए कहा, “वह जो कहते हैं, वही करती हूं। चेक पर हस्ताक्षर हो या प्रस्ताव, सब वही देखते हैं।” ग्रामीणों ने खुलासा किया कि आवास पाने के लिए उन्हें भारी रिश्वत देनी पड़ी। रावतपुर ग्राम पंचायत में पांच मजरे हैं, जहां ज्यादातर पिछड़ा और अनुसूचित जाति की आबादी निवास करती है। इनकी आर्थिक स्थिति दयनीय है, और कई परिवार झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का कहना है, “पैसा दो, तभी आवास मिलेगा, यह छोटे सिंह का नारा है।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव में पेयजल व्यवस्था भी बदहाल है। पानी की टंकी और पाइपलाइन सिर्फ कागजों में हैं, जबकि ग्रामीण दूषित नहर का पानी पीने को मजबूर हैं। राशन, पेंशन, और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी पात्र लोगों तक नहीं पहुंच रहा। छोटे सिंह पर आरोप है कि वह ग्राम पंचायत के खातों से विभिन्न मदों में धन का हेरफेर करता है। हाल ही में हैंडपंप मरम्मत के लिए 55,000 रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन गांव में एक भी नल चालू नहीं है। ग्राम पंचायत में सफाई कर्मी की ड्यूटी भी छोटे सिंह के बंगले की देखरेख तक सीमित है।
छोटे सिंह की दबंगई के आगे ब्लॉक स्तर के अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए हैं। ग्राम पंचायत कर्मचारियों को मोटी रकम देकर वह अपने मनमाने काम करवाता है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि आखिर छोटे सिंह जैसे बाहुबलियों पर शिकंजा कब कसेगा और जनता को उसका हक कब मिलेगा? प्रशासन से इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है।
प्रधान प्रतिनिधि के कारनामों से अनजान क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
वहीं मामले जब खबर की पुष्टि करने के लिए विकास खंड अधिकारी कोमल देवी से फोन द्वारा आरोपों और रिश्वत जैसे बिंदुओं पर वार्ता हुईं तो कोमल देवी ने बताया की उनके पास अबतक मामले में कोई शिकायत नहीं आई है, ग्रामीण स्वतंत्र है, उन्होंने अबतक शिकायत क्यों नही की, अगर कोई पीड़ित है तो उन्हें आगे आना चाहिए । वहीं उन्होंने आरोपी प्रधान प्रतिनिधि छोटे सिंह को सिरे से खारिज करते हुए कहा की प्रतिनिधि कोई संवधैनिक पद ब्लाक और पंचायेत में नही है । वहीं डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट ऑफिसर प्रमोद सिंह चंद्रवाल से मामले पर फोन द्वारा बात करने पर उन्होंने लखनऊ में होने की बात कहीं साथ ही कहा है कि फतेहपुर आकर प्रकरण की जानकारी करेंगे ।