गुरुवार यानी 14 मार्च 2024 से खरमास की शुरूआत होने जा रही है। ऐसे में जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे तो इस दिन से एक महीने तक खरमास लग जाते हैं। मीन राशि के स्वामी ग्रह बृहस्पति मानें जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, जब सूर्य गुरु ग्रह की राशि मीन या धनु में गोचर करते हैं तब खरमास की अवधि होती है। इस अवधि में सभी मांगलिक कार्यों पर रोक होती है क्योंकि, सूर्य के तेज से सभी शुभ कार्यों के कारक ग्रह बृहस्पति का शुभ प्रभाव कम हो जाता है।
खरमास की अवधि
दरअसल, मीन संक्रांति पर 14 मार्च को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर सूर्य के कुंभ से मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास की शुरूआत हो जाएगी।जिसके बाद सूर्य यहां 13 अप्रैल रात 09 बजकर 03 मिनट तक रहेंगे। इस दिन के बाद खरमास की समाप्ति हो जाएगी। इस दौरान 14 मार्च से पहले मांगलिक कार्य संपन्न कर लें। क्योंकि, इसके बाद अगले 1 महीने तक इंतजार करना होगा।
खरमास में करें ये काम
इस वर्ष 2024 में खरमास बहुत ही महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। इसका कारण यह है कि 17 मार्च से होलाष्टक लग जाएंगे। यानी कि 25 मार्च को चंद्र ग्रहण, होली और 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का पर्व भी खरमास के दौरान ही पड़ेगा। माना जाता है कि देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना के लिए खरमास श्रेष्ठ दिन होते हैं। इसलिए, इस अवधि में सूर्य की पूजा, गाय की सेवा, दान कर्म और मंत्र जाप अवश्य करें। ऐसी मान्यता है इसके फलस्वरूप व्यक्ति को कभी न खत्म होने वाला वरदान प्राप्त होता है, उसकी आयु लंबी होती है। साथ ही व्यक्ति का जीवन सुख-समृद्धि से भर जाता है। खरमास के दौरान में करियर की उन्नति के लिए रोजाना ॐ ब्रं बृहस्पति नमः मंत्र का जाप अवश्य करें।
जानें खरमास के नियम
खरमास विष्णु जी को समर्पित होता है इसलिए, इस एक माह तक रोजाना विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ या गीता पाठ आदि करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। इस एक माह में एक समय खाना खाएं, बिस्तर का त्याग कर दें, मन में किसी के लिए बुरे विचार न लाएं और ब्राह्मण को दान दें। ऐसा करने से ग्रहों के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।
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