यूपी के बाहुबली राजनेता रहे मुख्तार अंसारी का गुरुवार को बांदा जेल में हार्ट अटैक के से तबीयत खराब होने के बाद निधन हो गया। जिसके बाद पोस्टमार्टम कराकर शव परिवार वालों को सौंप दिया गया। मुख्तार अंसारी को मोहम्मदाबाद स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, इस दौरान मुख्तार के जनाजे की नमाज में हजारों लोग शामिल रहे, मुख़्तार के शव को दफ़न करने से पहले आला अधिकारियों ने पुलिसबल के साथ कब्रिस्तान का गहनता से मुआयना भी किया था। मुख्तार की कब्र उनके पिता सुभान उल्लाह अंसारी के बगल में खोदी गई थी,जहां उसे दफ्न कर दिया गया है।
बेटे अब्बास नहीं हो पाऐ शामिल : जेल में बंद मुख्तार के बेटे अब्बास के जनाजे में शामिल होने की कोई संभावना नहीं है। उन्होने अपने पिता के जनाजे मेंं शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।लेकिन सुप्रीम कोर्ट में आज छुट्टी है, जिसकी वजह से उन्हे जनाजे में शामिल होने की अनुमति नहीं मिल पाएगी। इसलिए अब्बास के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के वेकेशन ऑफिसर से बात की है और कोर्ट से जल्द से जल्द इस पर सुनवाई की मांग की है। लेकिन फिर भी अब्बास की याचिका पर आज रात सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की कोई संभावना नहीं है।
भारी सिक्योरिटी के बीच ले जाया गया शव : कल मुख्तार के शव को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच गाजीपुर के लिए रवाना किया गया था। मुख्तार के शव के साथ पुलिस का काफिला चल रहा था,जिसमें पुलिस की कई गाड़ियां मौजूद थी। शव को पहुंचाने के लिए पुलिस ने पहले से ही रूट तैयार कर लिया था, मुख्तार के बेटे उमर ने बांदा के DM को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों के द्वारा कराया जाए। अपने पत्र में उन्होने लिखा कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर कोई विश्वास नहीं है। आज सुबह से ही मुख्तार अंसारी के घर पर लोग जुटने लगे थे। लोगों ने मुख्तार की सहानुभूति के कारण दुकानें बंद रखीं है, इलाके के पार्षद संजीव कुमार गिहार ने बताया कि किसी ने दुकानें बंद करने के लिए कोई ऐलान नहीं किया था।