भारतीय क्रिकेट टीम के आलराउंडर शार्दुल ठाकुर प्रतिष्ठापरक रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के लगातार दूसरे मैच में संकटमोचक बनकर सामने आए इस दौरान उनके द्वारा अर्धशतक (75 रन, 69 गेंद, तीन छक्के, आठ चौके) की मदद से मुंबइया टीम विदर्भ के खिलाफ रविवार से यहां प्रारंभ फाइनल में बिखरने से बच गई, जो 42वीं बार खिताब जीतने के लिए प्रयासरत है, वानखेड़े स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी पर बाध्य मुंबई की पहली पारी शार्दुल के अलावा ओपनरद्वय पृथ्वी शॉ (46 रन, 63 गेंद, पांच चौके) और भूपेन लालवानी (37 रन, 64 गेंद, चार चौके) की उपयोगी पारियों से अंतिम सत्र में 64.3 ओवरों में 224 रनों पर सीमित हुई। हालांकि विदर्भ की शुरुआत भी लड़खड़ा गई और पहले दिन खेल समाप्ति के वक्त उसने 13 ओवरों में 31 रनों के भीतर तीन विकेट गंवा दिए थे।
रणजी ट्रॉफी में 48वीं बार फाइनल खेलने उतरे मुंबई की शुरुआत तो जानदार रही, जब पृथ्वी शॉ और भूपेन लालवानी ने पहले विकेट के लिए 81 रनों की साझेदारी की। लेकिन यश ठाकुर (3-54) ने लालवानी को लौटाकर जैसी ही यह भागीदारी तोड़ी, अचानक विकेटों का पतझड़ शुरू हो गया, इस क्रम में 30 रनों की वृद्धि पर छह बल्लेबाज लौट गए (6-111)। इनमें ओपनरों के अलावा मुशीर खान (छह रन), कप्तान अजिंक्य रहाणे (सात रन), श्रेयस अय्यर (सात रन) और हार्दिक तमोरे (पांच रन) के विकेट शामिल थे।
फिलहाल आठवें क्रम पर उतरे शार्दुल ने एक बार फिर जिम्मेदारी निभाई, जिन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ सेमीफाइनल में मुंबई की जीत के दौरान न सिर्फ पहली पारी में शतक ठोका था वरन दोनों पारियों में दो-दो विकेट निकालकर ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का अवार्ड भी अपने नाम किया था। शार्दुल ने शम्स मुलानी (13) व तुषार देशपांडे (14) सहित बचे पुछल्लों के साथ मिलकर स्कोर सवा दो सौ तक पहुंचाया और अंतिम बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। यश ठाकुर के अलावा हर्ष दुबे (3-62), उमेश यादव (2-43) व आदित्य ठाकरे (1-36) ने भी विकेट लिए।
स्कोर कार्ड
जवाब में खेलने उतरी विदर्भ की टीम भी लड़खड़ा गई। ओपनर अथर्व तायड़े (नाबाद 21 रन, 46 गेंद, दो चौके) तो क्रीज पर हैं। लेकिन उनके साथ पारी शुरू करने उतरे ध्रुव शौरी खाता नहीं खोल सके और तीसरे ही ओवर में शार्दुल ठाकुर (1-14) की गेंद पर पगबाधा हो गए। वहीं धवल कुलकर्णी (2-9) ने अमन मोखादे (8) व करुण नायर (0) को निबटा दिया। स्टंप्स के वक्त तायड़े के साथ आदित्य ठाकरे (शून्य) क्रीज पर थे।