भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों को संदेश दिया है कि टेस्ट क्रिकेट की मुश्किल डगर में फतह हासिल करने के लिए एकजुट बने रहने और एक इकाई के तौर पर खेलने की जरूरत है। पूर्व भारतीय कप्तान ने मेजबानों की इंग्लैंड पर पांच मैचों की सीरीज में 4-1 की यादगार जीत के बाद ड्रेसिंग रूम में दल की युवा पीढ़ी को यह प्रेरणादायक भाषण दिया, उल्लेखनीय है कि हैदराबाद में पहले टेस्ट में जीत की पोजीशन में होने के बावजूद अंतिम क्षणों की लड़खड़ाहट के चलते भारत को पराजय झेलनी पड़ी थी। लेकिन उसके बाद सभी चार टेस्ट मैचों में भारत ने प्रभावी जीत हासिल की। दिलचस्प तो यह रहा कि इस सीरीज का एक भी टेस्ट पांचवें दिन नहीं गया। पहले चारों मैच चार दिनों में निर्णीत हुए तो यहां अंतिम टेस्ट तीसरे ही दिन खत्म हो गया।
राहुल द्रविड़ ने ‘बीसीसीआई डॉट टीवी’ पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, ‘इस तरह श्रृंखला को जीतना होता है और यह मुश्किल है। कभी कभार टेस्ट क्रिकेट मुश्किल होता है। यह आपके कौशल के मामले में, शारीरिक रूप से और मानसिक रूप से भी मुश्किल होता है जैसा कि आपने देखा ही है, द्रविड़ ने कहा, ‘लेकिन अंत में यह बहुत संतोषजनक होता है। आपको श्रृंखला जीतने के बाद जो संतुष्टि मिलती है, मुझे लगता है कि यह अभूतपूर्व होती है। जैसे इस श्रृंखला में एक मैच में हार से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए 4-1 से जीतना, कितना संतोषजनक है।’
सीरीज में भारत के 5 खिलाड़ियों ने टेस्ट पदार्पण किया : खास बात तो यह रही कि विराट कोहली, मोहम्मद शमी और केएल राहुल जैसे अहम खिलाड़ी श्रृंखला के दौरान अन्यान्य कारणों से अनुपलब्ध रहे। जसप्रीत बुमराह और रविंद्र जडेजा भी एक एक मैच में नहीं खेले। टीम को सीरीज में कुछ युवा खिलाड़ी मिले, जिन्होंने बखूबी जिम्मेदारी उठाते हुए शानदार खेल दिखाया। इस सीरीज में भारत के पांच खिलाड़ियों – रजत पाटीदार, ध्रुव जुरेल, देवदत्त पडीक्कल, सरफराज खान और आकाश दीप ने पदार्पण किया।