कहते है राजीनीति के दांवपेंच समझना हर एक इंसान के बस की बात नहीं होती है ऐसे में AIMIM के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी एक और दांव खेला है, जी हाँ बताते चलें की लोकसभा चुनाव को लेकर ओवैसी काफी सक्रिय दिख रहे हैं। इसी बीच बिहार में बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ है। सीमांचल के इलाकों में मजबूत पकड़ रखने वाली AIMIM पार्टी अब केवल किशनगंज और अररिया सीट पर ही चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा पार्टी ने पूर्णिया और कटिहार से अपनी दावेदारी भी वापस ले ली है। गुरूवार को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने पत्रकारों से बात करते हुए इस बात का ऐलान किया। ऐसे में यह संभावनाए जताई जा रही है कि AIMIM पार्टी शायद इस सीट पर पप्पू यादव को समर्थन दे सकते हैं, जो कि पूर्णिया लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं। अख़तरूल ईमान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी बची सीटों पर समान विचारधारा व सांप्रादायिक ताकतों से लड़ने वाले उम्मीदवार को अपना समर्थन देने पर विचार कर रहे हैं। किशनगंज लोकसभा सीट से प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान खुद चुनाव लड़ेंगे। पार्टी इससे पहले गया लोकसभा सीट से भी अपनी दावेदारी वापस ले चुकी है।
महागठबंधन को बड़ी राहत : AIMIM पार्टी की इस घोषणा से महागठबंधन को बड़ा सुकून मिला है। AIMIM के चुनाव लड़ने से जो मुस्लिम वोटरो में बंटवारे के हालात बन सकते थे, अब वो नहीं होने की संभावना बढ़ गई है। जदयू के MLC खालिद अनवर ने AIMIM पर इल्जाम लगाया है कि AIMIM पार्टी की इस घोषणा से प्रतीत हो रहा है कि पार्टी महागठबंधन के साथ हो गई है या तो फिर उनके बीच पैसे का खेल हुआ है, लेकिन लोग सब देख रहे हैं कि कैसे AIMIM पार्टी परिवारवादी और भ्रष्ट पार्टी के समर्थन में खड़ी है।