
चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं और कल यानी 11 अप्रैल को तीसरा नवरात्र है. तीसरा नवरात्रा मां चंद्रघंटा को समर्पित रहता है. मां चंद्रघंटा की सवारी सिंह है और उनका रूप सौम्य है, इस पूरी कहानी को आप के बीच बता रही है एस्ट्रोलॉजर नितिशा मल्होत्रा कि कैसे सिर्फ 2 उपाय कर आप मां चंद्रघंटा से अपने लिए ऐश्वर्य मांग सकते हैं !
चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं और गरुवार को नवरात्र का तीसरा नवरात्रा है. तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है. एस्ट्रोलॉजर नितिशा मल्होत्रा के अनुसार मां का ये स्वरूप वीनस या और चंद्रमा को दिखाता है. यानी यदि आप जीवन में खुशियां, लग्जरी, सफलता चाहते हैं तो आपको तीसरे नवरात्र में ये 2 उपाय जरूर करने चाहिए. यदि आपके जीवन में शुक्र की कमी है, तो आपको नवरात्र के तीसरे दिन ये उपाय जरूर करने चाहिए. आप अपने जीवन में बदलाव खुश देखेंगे
ऐसा है मां चंद्रघंटा का स्वरूप : मां चंद्रघंटा की सवारी सिंह है और उनका रूप सौम्य है. सिंह पर सवार मां चंद्रघंटा का स्वरूप शांतिदायक है. उनके माथे पनर घंटे के आकार का अर्थचंद्र है, इसलिए उन्हें चंद्र घंटा कहा जाता है. उनके 10 भुजाएं हैं और सभी अलग-अलग शस्त्रों से विभूषित है. वह हाथ में गदा, त्रिशूल, तलवार व धनुष धारण करती हैं. उनकी मुद्रा ऐसी है जैसे वह दुष्टों का दमन और विनाश करने में सदैव तत्पर हैं. इसलिए अपने भक्तों के कष्टों का निवारण वो त्वरित रूप से करती हैं.
उपाय 1 : तीसरा नवरात्र 11 अप्रैल को है. इस दिन आप अपने घर के मंदिर के लिए भोग तैयार करें. आप चावल की खीर बनाएं. इस खीर में थोड़ा केसर जरूर डालें. अब इस खीर को अपने घर के मंदिर में भोग लगाएं. भोज लगाने के बाद इस खीर को अपने परिवार के सदस्यों को खिलाएं. आप ये भोग किसी मंदिर में भी लगा सकते हैं.
उपाय 2 : तीसरे नवरात्र के दिन रात में 9 बेज के बाद आपको ये उपाय करना है. आप लाल रंग के आसन पर बैठकर आपको दुर्गा चीलासा का पाठ करना है. ये पाठ आपको 2 बार करना है और याद रखें अपना सिर ढक कर ही बैठें. यदि आप पाठ नहीं कर सकते तो आप ईयरफोन लगाकर दुर्गा चालीसा सुन भी सकते हैं. जब आप पाठ कर लें, तो माता से अपनी मनोकामना भी मांग लें. याद रखें आपको पूर्व की दिशा में मुंह कर बैठना है.
या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।
