चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की पूजा, जानिए मंत्र और पूजन विधि

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नवरात्री के पवन पर्व चल रहें ऐसे में माँ के भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए साधना, पूजा, पाठ सभी कर रहें है, ऐसे में चैत्र नवरात्रि 2024 के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है। माता दुर्गा के चौथे स्वरूप कुष्मांडा माता का स्वरूप बड़ा ही अद्भुत और विलक्षण है। 8 भुजाओं वाली माता के हाथों में कमंडल, धनुष बाण, कमल, चक्र, गदा और अमृत कलश है। माता के आंठवे हाथ में सिद्धि और निधि की जपमाला है। माता सिंह पर सवार रहती हैं। कहा जाता है कि देवी ने अपने हंसी से सृष्टि का निर्माण किया था।


मालपुए का लगाए भोग : माता कुष्मांडा को प्रसन्न करने के लिए उन्हें कुम्हड़ चढ़ाए। इसके अलावा पूजा के दौरान माता को धूप, लाल पुष्प, सुखा मेवा और प्रसाद अर्पित करें। माता को मालपुआ का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इससे माता अपने भक्तों को सौभाग्य प्रदान करती हैं। माता कुष्मांडा को हरा रंग अत्यंत प्रिय है।


इस मंत्र का करें जाप : सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च। दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।।


17 अप्रैल तक होगी पूजा : हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्योहार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक चलेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से चैत्र नवरात्रि बहुत महत्व है। 9 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्तजन 9 दिनों तक उपवास रख रहे हैं।


 

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