देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना 8 वां बजट पेश किया। इस दौरान वित्तमंत्री द्वारा केंद्रीय बजट में रेलवे मंत्रालय के लिए 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इनमें राजस्व में 3445 करोड़ रुपये और कैपिटल एक्सपेंडिचर में 2,52,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस तरह रेलवे बजट में कुल 2,55,445 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. बजट में पेंशन फंड में 66 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं. नई लाइनें बिछाने के लिए 32,235 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. लाइनों के दोहरी करण में 32,000 करोड़ और गॉज लाइन में बदलने में 4,550 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है.बजट में सिग्नलिंग और टेलीकॉम के लिए 6800 करोड़, विद्युत लाइनों के लिए 6,150 करोड़ रुपये, स्टाफ कल्याण पर 833 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है. रेलवे स्टाफ की ट्रेनिंग उद्देश्य के लिए 301 करोड़ रुपये खर्च होंगे. वहीं रेलवे सेफ्टी फंड में 45 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे.
रेल मंत्रालय रेल हादसों को कम करने के लिए खास कदम उठाने जा रहा है. इसके तहत देश के प्रमुख रेलवे रूट पर कचव का अपग्रेड वर्जन 4.O लगाने का काम तेजी से किया जाएग. कवच के नए वर्जन को रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड आर्गनाइजेशन (आरडीएसओ) ने हाल में अप्रूवल दे दिया है. मंत्रालय ने बजट में इसे लेकर कोई भी नई घोषणा नहीं की है और इसके बजाय पूर्व की घोषणाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रूटों में से दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता शामिल हैं. इन दोनों रूटों को कवच से लैस किया जा रहा है. साथ ही मुंबई-चेन्नई व चेन्नई-कोलकाता रूट पर भी कवच लगाया जाएगा. इस तरह कुल मिलाकर करीब 9 हजार किमी लंबे ट्रैक को कचव से लैस करने की तैयारी है.
रेलवे से जुड़े एक सूत्र के अनुसार आने वाले बजट में रेलवे के पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) पर आवंटन 20 फीसदी तक बढ़ाए जाने की उम्मीद थी. रेलवे के अनुमानों के अनुसार पिछले बजट में इस मद में मिले 2.65 लाख करोड़ रुपये में से रेलवे ने करीब 80 फीसदी खर्च कर लिए हैं. एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड ने चालू वित्तीय वर्ष में दो लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं .