भारत में नक्सलवाद पर सरकार का प्रहार लगातार ज़ारी है ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) से मुक्त हो जाएगा और इस खतरे के खिलाफ अंतिम हमले के लिए एक मजबूत और क्रूर रणनीति की आवश्यकता है. नक्सलियों से हिंसा छोड़ने का आग्रह करते हुए शाह ने घोषणा की कि छत्तीसगढ़ सरकार 1-2 महीने में “नए रूप” की आत्मसमर्पण नीति की घोषणा करेगी. इसके साथ ही गृहमंत्री ने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ आखिरी हमला शुरू करने के लिए एक मजबूत और निर्मम रणनीति की जरूरत है. नक्सली हिंसा लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है और इस समस्या ने देश में लगभग 17,000 लोगों की जान ले ली है. उन्होंने कहा कि 2004-14 की तुलना में 2014-24 के दौरान नक्सली घटनाओं में 53 प्रतिशत की गिरावट आई है.
गृहमंत्री अमित शाह ने आगे बात करते हुए कहा कि अब वामपंथी उग्रवाद की समस्या पर एक मजबूत रणनीति के साथ अंतिम प्रहार करने का समय आ गया है. उन्होंने कहा कि सरकार वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शून्य को भरने के लिए काम कर रही है और सुरक्षा कर्मियों ने विकास कार्यों के साथ-साथ अभियान भी चलाया है. उन्होंने ये भी कहा कि सुरक्षा बलों के अलावा एनआईए और ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने भी माओवादी वित्त को खत्म करने के लिए काम किया है, शाह ने कहा कि हमें विश्वास है कि हम मार्च 2026 तक देश को वामपंथी उग्रवाद से मुक्त कराने में सक्षम होंगे. जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अब हटाए गए अनुच्छेद 370 के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि यह प्रावधान कभी भी बहाल नहीं किया जाएगा. विलंबित दशकीय जनगणना शुरू करने की संभावना पर शाह ने कहा कि इसे उचित समय पर किया जाएगा.