

■ रिपोर्ट : अनुराग श्रीवास्तव – कानपुर
केकानपुर : नगर आयुक्त ने शहर के जोन-2, 3, 5 और 6 में औचक निरीक्षण कर स्वच्छता, डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, आवारा पशु नियंत्रण और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स की प्रगति का जायजा लिया। रामलीला ग्राउंड से लेकर चुन्नीगंज के कन्वेंशन सेंटर तक, हर कोने में खामियों पर सख्ती और सुधार के आदेश दिए गए। इसके अलावा, शाम को हुई एक अहम बैठक में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का बड़ा फैसला लिया गया। आइए, जानते हैं इस खबर का पूरा मसाला।
जोन-2 (पशुपति नगर, वार्ड-66) में निरीक्षण : रामलीला ग्राउंड का दौरा किया गया, जहां कर्मचारियों की सफाई संतोषजनक पाई गई। हालांकि, टीन शेड की मरम्मत और परिसर में पड़े मलबे के निस्तारण के लिए संबंधित अभियंता को निर्देश दिए गए। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की जांच की गई और 100% कूड़ा उठान सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया। छह कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए, जिन पर त्वरित कार्रवाई के लिए विभाग को कहा गया। मैदान में आवारा पशुओं को देखकर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को उन्हें पकड़ने और जुर्माना लगाने के निर्देश दिए गए। नागरिकों की मलबा डंपिंग की शिकायतों पर तुरंत मलबा हटाने का आदेश भी जारी हुआ।
जोन-3 में निरीक्षण : वार्डों और गलियों में साफ-सफाई की व्यवस्था ठीक पाई गई। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की समीक्षा के दौरान समयबद्ध और समुचित कूड़ा संग्रहण सुनिश्चित करने के लिए नागरिक निकाय प्रभारी को निर्देश दिए गए।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (जोन-4) : नगर आयुक्त ने चुन्नीगंज के कमर्शियल-कन्वेंशन सेंटर का औचक निरीक्षण किया, जिसमें अपर नगर आयुक्त (प्रथम) और कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यदायी संस्था को शेष निर्माण कार्य जल्द पूरा करने और प्रत्येक घटक की उपयोगिता का विस्तृत विवरण तैयार करने का आदेश दिया गया। साथ ही, सेंटर के संचालन और रखरखाव के लिए निविदा प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने और कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए। सेंटर से कानपुर को होने वाले संभावित लाभों का संक्षिप्त विवरण तैयार करने का भी आदेश हुआ।
सौर ऊर्जा पर विशेष बैठक : शाम 4 बजे नगर निगम शिविर कार्यालय में नगर आयुक्त की अध्यक्षता में एक अहम बैठक हुई। इसमें केस्को, जलकल विभाग, कानपुर विकास प्राधिकरण, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। बैठक में फैसला लिया गया कि नगर निगम मुख्यालय, जलकल भवन और केडीए भवन जैसे प्रमुख सरकारी परिसरों में सौर पैनल लगाकर बिजली को पर्यावरण अनुकूल और किफायती बनाया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को व्यवस्थित कार्य योजना तैयार कर जल्द कार्य शुरू करने के निर्देश दिए गए।