

सैयारा फिल्म समीक्षा
फिल्म: सैयारा
निर्देशक: मोहित सूरी
कलाकार: अहान पांडे, अनीत पड्डा, गीता अग्रवाल शर्मा, राजेश कुमार, वरुण बडोला
शैली: म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा
रिलीज तिथि: 18 जुलाई 2025
रेटिंग: 3.5/5
कहानी
“सैयारा” एक म्यूजिकल रोमांटिक ड्रामा है, जो एक परेशान संगीतकार कृष कपूर (अहान पांडे) और एक शर्मीली कवयित्री वाणी बत्रा (अनीत पड्डा) की प्रेम कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है। यह फिल्म 2004 की कोरियाई फिल्म “अ मूमेण्ट टू रिमेम्बर” से प्रेरित है। कृष एक आक्रामक और भावनात्मक रूप से अस्थिर संगीतकार है, जो अपने करियर और निजी जीवन में संघर्ष कर रहा है। दूसरी ओर, वाणी एक टूटे दिल वाली पत्रकार है, जो अपनी भावनाओं को शब्दों में पिरोने का हुनर रखती है। दोनों की मुलाकात एक प्रोजेक्ट के दौरान होती है, और उनके बीच संगीत और कविता के माध्यम से एक गहरा भावनात्मक रिश्ता बनता है। लेकिन, मोहित सूरी की फिल्मों की तरह, इस कहानी में भी ट्रैजडी और बलिदान का तड़का है। क्या कृष और वाणी अपने प्यार को बचा पाएंगे, या उनके सपने और परिस्थितियां उन्हें अलग कर देंगे? यही फिल्म का मूल है।
प्रदर्शन
अहान पांडे और अनीत पड्डा, दोनों ही नवोदित कलाकार, इस फिल्म में प्रभावशाली प्रदर्शन देते हैं। अहान की स्क्रीन प्रेजेंस और बॉडी लैंग्वेज उनके किरदार कृष को जीवंत बनाती है, हालांकि उनकी संवाद अदायगी में सुधार की गुंजाइश है। अनीत पड्डा वाणी के रूप में मासूमियत और परिपक्वता का सटीक मिश्रण पेश करती हैं। उनकी केमिस्ट्री स्वाभाविक और दिल को छूने वाली है, जो भावनात्मक दृश्यों में और भी प्रभावी हो जाती है। सहायक कलाकारों को ज्यादा स्क्रीन टाइम नहीं मिला, लेकिन गीता अग्रवाल शर्मा और वरुण बडोला अपने छोटे रोल्स में ठीक-ठाक हैं।
निर्देशन और तकनीकी पक्ष
मोहित सूरी ने अपनी खास शैली में “सैयारा” को एक इमोशनल और म्यूजिकल अनुभव बनाया है। उनकी पिछली फिल्मों जैसे “आशिकी 2” और “एक विलेन” की तरह, यह फिल्म भी प्यार और दर्द के कॉकटेल के साथ दर्शकों को बांधने की कोशिश करती है। पहले हाफ में कहानी तेजी से आगे बढ़ती है और दर्शकों को कृष-वाणी की प्रेम कहानी में डुबो देती है। हालांकि, दूसरा हाफ कुछ जगहों पर धीमा और दोहराव वाला लगता है। सिनेमैटोग्राफी खूबसूरत है, जो फिल्म की भावनाओं को और गहरा करती है। लोकेशन्स और विजुअल्स आंखों को सुकून देने वाले हैं। संपादन में कुछ जगह सुधार की जरूरत थी, खासकर सेकंड हाफ में, जहां कहानी थोड़ी बिखरती नजर आती है।
संगीत
“सैयारा” का सबसे मजबूत पक्ष इसका संगीत है। टाइटल ट्रैक “सैयारा” पहले ही चार्टबस्टर बन चुका है, और बाकी गाने जैसे कि मिथुन, तनिष्क बागची, और सचेत-परंपरा द्वारा रचित ट्रैक्स भी कानों को सुकून देते हैं। अरिजीत सिंह, श्रेया घोषाल, और जुबिन नौटियाल जैसे गायकों की आवाज कहानी के इमोशंस को और गहरा करती है। जॉन स्टीवर्ट एडुरी का बैकग्राउंड स्कोर भी फिल्म के मूड को बखूबी सपोर्ट करता है।
कमियां
कहानी में नयापन की कमी है। यह एक परिचित प्रेम कहानी है, जिसमें कुछ क्लिच्ड ट्विस्ट्स हैं, जो दर्शकों को पहले से अनुमानित लग सकते हैं। दूसरा हाफ थोड़ा खिंचता हुआ महसूस होता है, और कुछ दृश्यों को और चुस्त किया जा सकता था। इसके अलावा, सहायक किरदारों को ज्यादा स्क्रीन टाइम या गहराई नहीं दी गई, जो कहानी को और मजबूत कर सकता था।
क्यों देखें?
“सैयारा” उन दर्शकों के लिए है, जो रोमांटिक ड्रामा और म्यूजिकल फिल्मों के शौकीन हैं। अहान और अनीत की ताजगी भरी केमिस्ट्री, मोहित सूरी का भावनात्मक निर्देशन, और मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत इस फिल्म को थिएटर में एक बार देखने लायक बनाता है। यह फिल्म भले ही कोई नया आयाम न जोड़े, लेकिन यह दिल को छूने वाली एक प्रेम कहानी है, जो खासकर युवा दर्शकों को आकर्षित करेगी।
निष्कर्ष
“सैयारा” एक भावनात्मक और म्यूजिकल यात्रा है, जो अपने शानदार संगीत और नवोदित कलाकारों की केमिस्ट्री के दम पर दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब होती है। अगर आप मोहित सूरी की इमोशनल लव स्टोरीज और खूबसूरत गानों के प्रशंसक हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक ट्रीट है। इसे अपने दोस्तों या किसी खास के साथ थिएटर में जरूर देखें।
कुल रेटिंग: 3.5/5
क्यों देखें: खूबसूरत संगीत, ताजगी भरी केमिस्ट्री, और एक भावनात्मक प्रेम कहानी के लिए।