

डायरेक्टर : अश्विन कुमार श्रेणी:Hindi, Mythological, Animation अवधि:2 Hrs 21 Min
निर्देशक अश्विन कुमार की ‘महावतार नरसिम्हा’ भारतीय पौराणिक कथाओं को आधुनिक जेन ज़ी दर्शकों तक पहुंचाने का एक सराहनीय प्रयास है। यह एनिमेटेड फिल्म भगवान विष्णु के वराह और नरसिंह अवतारों की कहानी को मनोरंजक और दृश्यात्मक रूप से प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करती है, जो भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को नई पीढ़ी से जोड़ने में सफल होती है।
कहानी और कथानक : फिल्म की शुरुआत महर्षि कश्यप द्वारा संध्या वेला में की जा रही पूजा से होती है। तभी उनकी पत्नी दिति, पुत्र की प्राप्ति की प्रबल इच्छा व्यक्त करती हैं और महर्षि से सहवास की प्रार्थना करती हैं। कश्यप उसे समझाते हैं कि शास्त्रों के अनुसार यह समय रजोगुण और तमोगुण से युक्त होता है, जिसमें दैवीय नहीं बल्कि आसुरी शक्तियां सक्रिय रहती हैं और ऐसे समय में गर्भधारण करना अशुभ फल दे सकता है। फिर भी दिति अपने आग्रह पर अड़ी रहती है और अंततः महर्षि कश्यप संध्या वेला में उसके साथ सहवास करते हैं। मगर उनकी आशंका सत्य साबित होती है।
दिति के गर्भ में हिरण्याक्ष और हिरण्यकश्यप जैसी राक्षसी प्रवृत्ति के भ्रूण अपना स्थान ग्रहण कर चुके हैं, जो भविष्य में अपने अत्याचारों से संपूर्ण ब्रहमांड पर हाहाकार मचाएंगे। इसके बाद कहानी इन दोनों राक्षसों के बढ़ते अत्याचारों और दैवी शक्तियों के साथ उनके संघर्ष के साथ आगे बढ़ती है। देवताओं, ऋषियों और आम जनों पर हुए अत्याचारों से आक्रोशित होकर भगवान विष्णु दो बार अवतार लेते हैं, वराह अवतार में वे हिरण्याक्ष का वध करते हैं, जो पृथ्वी को पाताल लोक में ले गया था, और नरसिंह अवतार में वे उस हिरण्यकश्यप का विनाश करते हैं, जो स्वयं को ईश्वर समझने लगा था। कहानी में हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद की भी मुख्य भूमिका है, जो बाल्यावस्था से ही भगवान विष्णु का परम भक्त है।
एनिमेशन और दृश्य : एनिमेशन की गुणवत्ता इस फिल्म का मजबूत पक्ष है। रंगों का जीवंत उपयोग, पात्रों का डिज़ाइन और पौराणिक दृश्यों का चित्रण दर्शकों को बांधे रखता है। नरसिंह अवतार के दृश्य विशेष रूप से प्रभावशाली हैं, जहां शक्ति और भक्ति का संगम दृश्यात्मक रूप से उभरकर सामने आता है। पृष्ठभूमि संगीत और ध्वनि प्रभाव कहानी के भावनात्मक और नाटकीय क्षणों को और गहरा करते हैं।
पात्र और आवाज : प्रह्लाद का किरदार भक्ति और नन्हा साहस का प्रतीक है, जो दर्शकों के दिल को छूता है। हिरण्यकश्यप का अहंकार और क्रूरता भी प्रभावी ढंग से दर्शाई गई है। डबिंग और आवाज अभिनय में गहराई है, जो पात्रों को जीवंत बनाती है। हालांकि, कुछ सहायक किरदारों को और विकसित किया जा सकता था।
सांस्कृतिक महत्व और प्रासंगिकता : फिल्म का सबसे बड़ा योगदान यह है कि यह भारतीय संस्कृति और पौराणिक कथाओं को नई पीढ़ी के लिए आकर्षक बनाती है। प्रह्लाद की भक्ति और नरसिंह अवतार का संदेश—अच्छाई की बुराई पर जीत—आज भी प्रासंगिक है। यह फिल्म बच्चों और युवाओं को भारतीय मूल्यों से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कमियां : कहानी में कुछ हिस्से दोहराव लिए हुए लग सकते हैं, और आधुनिक दर्शकों के लिए कुछ दृश्यों को और संक्षिप्त किया जा सकता था। इसके अलावा, कुछ किरदारों की गहराई और आधुनिक संदर्भों का समावेश और बढ़ाया जा सकता था ताकि यह जेन ज़ी से और गहरे स्तर पर जुड़ सके।
निष्कर्ष :‘महावतार नरसिम्हा’ एक मनोरंजक और प्रेरणादायक एनिमेटेड फिल्म है, जो भारतीय पौराणिक कथाओं को आधुनिक तकनीक के साथ जीवंत करती है। यह बच्चों, परिवारों और भारतीय संस्कृति में रुचि रखने वाले दर्शकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। निर्देशक अश्विन कुमार का यह प्रयास निश्चित रूप से तारीफ के काबिल है, जो मनोरंजन के साथ-साथ सांस्कृतिक जागरूकता को बढ़ावा देता है।