युद्ध के साए में ब्लैकआउट: राष्ट्र की सुरक्षा की पहली दीवार

Time to write @

- Advertisement -

रिपोर्ट : अनुराग श्रीवास्तव कानपुर @indiaNews24x7

नई दिल्ली, 7 मई 2025: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद समर्थित पाकिस्तान को करारा जवाब देने की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस दिशा में गृह मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए देश के 244 जिलों में आज, 7 मई को ‘सिविल डिफेंस ट्रेनिंग’ आयोजित करने की घोषणा की है। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य युद्ध जैसी परिस्थितियों में आम नागरिकों को तैयार करना है, इस प्रशिक्षण का सबसे अहम हिस्सा है ब्लैकआउट एक ऐसी रणनीति, जो दुश्मन की आंखों पर पर्दा डालकर राष्ट्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।


■ ब्लैकआउट क्या है?

ब्लैकआउट एक युद्धकालीन रणनीति है, जिसमें किसी क्षेत्र में सभी प्रकार की रोशनी को बंद या छिपाया जाता है। जब युद्ध या हवाई हमले का खतरा मंडराता है, तो दुश्मन की नजरें शहरों की जगमगाती लाइट्स, गाड़ियों की हेडलाइट्स और घरों की बत्तियों पर होती हैं, जो उनके लिए आसान टारगेट बन जाती हैं। ब्लैकआउट के जरिए इन रोशनी को समाप्त कर दुश्मन को भ्रमित किया जाता है, जिससे उनकी बमबारी या हमले की सटीकता कम हो जाती है।


■ ब्लैकआउट के नियम

◆ घरों में रोशनी बंद: सभी घरों की बत्तियां बंद रखने के आदेश जारी किए जाते हैं।

◆ खिड़कियों पर काले पर्दे: घरों की खिड़कियों को काले कपड़े या पर्दों से ढककर अंदर की रोशनी को बाहर जाने से रोका जाता है।

◆ वाहनों पर काले कवर: गाड़ियों की हेडलाइट्स पर काले कवर लगाए जाते हैं।

◆ सड़कें अंधेरी: स्ट्रीट लाइट्स को सीमित समय के लिए बंद किया जाता है।

◆ नागरिकों की जिम्मेदारी: नागरिकों को इन निर्देशों का पालन करने और सतर्क रहने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।


■ ब्लैकआउट क्यों जरूरी ?

ब्लैकआउट का मुख्य उद्देश्य दुश्मन की टारगेटिंग को विफल करना है। जब जमीन पर कोई रोशनी नहीं दिखती, तो दुश्मन की बमबारी अंधेरे में होती है, जिससे जान-माल की हानि की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, अंधेरे का फायदा उठाकर देश की वायुसेना और सुरक्षा बल अपनी गतिविधियों को दुश्मन की नजरों से छिपा सकते हैं। यह अभ्यास नागरिकों को मानसिक और व्यावहारिक रूप से युद्धकालीन परिस्थितियों के लिए तैयार करता है, ताकि वे संकट के समय सहयोगी और सतर्क रहें।


■ पहलगाम हमले के बाद भारत की रणनीति

पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि दुश्मन देश भारत की आंतरिक शांति को निशाना बनाने की फिराक में है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जवाब न केवल सीमा पर, बल्कि देश के हर नागरिक की तैयारी और जागरूकता के जरिए भी दिया जाएगा। सिविल डिफेंस ट्रेनिंग और ब्लैकआउट अभ्यास इसी दिशा में एक ठोस कदम है। यह ड्रिल नागरिकों को यह समझाने का प्रयास है कि युद्ध सिर्फ बॉर्डर पर नहीं लड़ा जाता, बल्कि रोशनी बुझाकर भी दुश्मन को चकमा दिया जा सकता है।


■ नागरिकों से सरकार की अपील

गृह मंत्रालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभ्यास में सक्रिय रूप से हिस्सा लें और ब्लैकआउट के नियमों का पालन करें। यह न केवल एक रणनीति है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा की पहली दीवार है, जो हर नागरिक के सहयोग से और मजबूत होगी।


#blackout #mockdrill #India at UNSC #indopak border issue #pahalgam #modi

अन्य भाषा में पढ़े :

अन्य खबरें

Related articles

दून इंटरनेशनल स्कूल में धूमधाम से मनाया गया दीपावली उत्सव

  कानपुर शहर के लोकप्रिय व प्रतिष्ठित रतन लाल नगर स्थित दून इंटरनेशनल स्कूल के कलर्स विभाग में दीपावली...

ऐमजॉन-फ्लिपकार्ट पर स्वदेशी स्ट्राइक, कानपुर में व्यापारियों ने भरी स्वदेशी हुंकार’

रिपोर्ट : अनुराग श्रीवास्तव - कानपुर कानपुर : दीपावली की चकाचौंध से पहले कानपुर के कोपरगंज बाजार में स्वदेशी...

कानपुर धमाके पर पाकिस्तानी हैंडल से फर्जी दावा: 8 सैनिकों की मौत की अफवाह, एजेंसियां साजिश की जांच में जुटीं

कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में मिस्री बाजार के पास मरकज मस्जिद के निकट बुधवार की रात...

“क्या धोनी जॉइन करेंगे मुंबई इंडियंस? वायरल तस्वीर ने IPL 2026 से पहले मचाई सनसनी”

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के दिग्गज और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के आइकॉनिक कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को...
Enable Notifications OK No thanks