आज यानि मंगलवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड्स का पूरा डेटा चुनाव आयोग को भेज दिया गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बॉन्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा को बढ़ाने की याचिका को खारिज कर दिया था। साथ ही एसबीआई को ये आदेश दिया था कि 12 मार्च को कामकाजी घंटे खत्म होने तक इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी जाए। जिसके बाद आज शाम साढ़े पांच बजे तक एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स का पूरा डेटा निर्वाचन आयोग को भेज दिया है।
15 मार्च तक चुनाव आयोग पब्लिश करेगा डेटा
दरअसल, सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा चुनाव आयोग को भी एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 15 मार्च को शाम पांच बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था। जिसके बाद आज चुनाव आयोग को पूरा डेटा मिलने के बाद इसे 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे। इसके साथ ही बेंच ने एसबीआई को ये नोटिस भी दिया था जिसमें ये कहा गया था कि अगर एसबीआई बैंक कोर्ट के निर्देशों और समयसीमा का पालन करने में विफल होता है तो शीर्ष अदालत अपने 15 फरवरी के फैसले की जानबूझकर अवज्ञा करने के मामले में बैंक के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
कोर्ट ने रद्द की थी चुनावी बॉन्ड की योजना
बता दें कि पांच सदस्यीय संविधान पीठ द्वारा 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही इसे असंवैधानिक करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और चंदा प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का भी आदेश जारी किया गया था। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले आए इस फैसले में न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना को तत्काल बंद करने और साथ ही इस योजना के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान (एसबीआई) को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का विस्तृत ब्योरा 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था।
एसबीआई ने की थी समय सीमा बढ़ाने की मांग
इसके अलावा कोर्ट ने बीते सोमवार को एसबीआई की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें राजनीतिक दलों के द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय-सीमा को 30 जून तक बढ़ाने के लिए अनुरोध किया गया था। इस दौरान पीठ ने एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की शुरूआत करने का भी अनुरोध किया गया था।
इस मामले में पीठ का कहना है कि अर्जी में एसबीआई की दलीलों से पर्याप्त संकेत मिलता है कि न्यायालय ने जिस जानकारी का खुलासा करने के लिए निर्देश दिया था वह आसानी से उपलब्ध है। पीठ ने आगे कहा कि उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, 30 जून, 2024 तक चुनावी बॉन्ड की खरीद और उन्हें भुनाए जाने के विवरण को सार्वजनिक करने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करने वाली एसबीआई की याचिका खारिज कर दी जाती है।