

कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर में मिस्री बाजार के पास मरकज मस्जिद के निकट बुधवार की रात हुए धमाके ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। घटना में 8 लोग घायल हुए, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पाकिस्तानी झंडे वाले संदिग्ध अकाउंट्स से फैलाई गई फर्जी खबर ने सनसनी फैला दी। इन अकाउंट्स ने दावा किया कि धमाके में 8 सैन्यकर्मी मारे गए हैं, जो पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुआ। पुलिस ने किसी भी आतंकी कनेक्शन को सिरे से खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि विस्फोट अवैध पटाखों के स्टोरेज के कारण हुआ। फिर भी, लखनऊ और दिल्ली की इंटेलिजेंस एजेंसियां अब इन फेक न्यूज के पीछे की साजिश की परतें उधेड़ रही हैं।
फर्जी दावे का खुलासा: पाकिस्तानी अकाउंट्स से देश-विरोधी प्रचार
धमाके के तुरंत बाद एक्स पर कई पाकिस्तानी हैंडल्स से वायरल पोस्ट्स में दावा किया गया कि मिस्री बाजार में हुए विस्फोट में 8 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। ये पोस्ट्स पाकिस्तानी झंडे के साथ शेयर की गईं और तुरंत हजारों व्यूज बटोर लीं। लेकिन कानपुर पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने इन दावों को फर्जी बताते हुए कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी अफवाहें शहर में दहशत फैलाने के लिए फैलाई गईं। घटना में कोई सैन्यकर्मी शामिल नहीं था, न ही किसी आतंकी संगठन का हाथ है।”
ऐसे में कमिश्नर रघुवीर लाल ने इस फेक पोस्ट की मंशा की जांच की बात की है जिसमे पहली, इन संदिग्ध एक्स अकाउंट्स के आईपी एड्रेस का पता लगाना—क्या ये पाकिस्तान से संचालित हो रहे हैं या भारत के किसी शहर से? दूसरा, 8 सैनिकों की मौत की सूचना फैलाने का मकसद क्या था? एनआईए (NIA) और एटीएस (ATS) की टीमें सक्रिय हो चुकी हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “यह साइबर प्रोपेगैंडा का मामला लग रहा है, जिसका उद्देश्य सामाजिक तनाव भड़काना और सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करना हो सकता है।”
घटना का पूरा ब्योरा: चोरी की स्कूटी से पटाखों की डिलीवरी, फिर धमाका
बीती बुधवार रात करीब 7:15 बजे मिस्री बाजार के घनी आबादी वाले इलाके में दो स्कूटरों के पास जोरदार धमाका हुआ। शुरुआती जांच में एक स्कूटर को चोरी का पाया गया, जो सीसीटीवी फुटेज में दो युवकों द्वारा अब्दुल मितालिब की दुकान के बाहर खड़ी की गई दिखी। फुटेज के मुताबिक, युवक स्कूटी पर सवार होकर बाजार पहुंचे और बक्से उतारकर चले गए। ठीक 10 मिनट बाद दुकान के बाहर रखे उन बक्सों में धमाका हो गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि विस्फोट स्कूटरों में नहीं, बल्कि अवैध पटाखों से लदे बक्सों के कारण हुआ। अब्दुल मितालिब (दुकानदार) और उनका भाई गंभीर रूप से घायल हैं, जबकि अन्य घायलों में एक महिला कचरा बीनने वाली शामिल है। सभी को इलाज के बाद छुट्टी मिल चुकी है।
साजिश की आशंका: सोशल मीडिया पर नजर, शहर में अलर्ट
फर्जी न्यूज के प्रसार ने सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर से सतर्क कर दिया है, ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ऐसे अकाउंट्स की निगरानी तेज हो गई है, जो देश-विरोधी मैसेज फैला रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान समर्थित साइबर ऑपरेशन हो सकता है, जिसका मकसद धार्मिक तनाव भड़काना और सेना की छवि खराब करना है। कानपुर पुलिस ने शहर भर में सतर्कता बरतने का आह्वान किया है। ऐसे में यह घटना न केवल अवैध पटाखों के खतरे को उजागर करती है, बल्कि डिजिटल दुनिया में फेक न्यूज के जहर को भी दर्शाती है । फ़िलहाल पुलिस का दावा है कि फेक न्यूज़ प्रोपोगेंडा की जांच जारी है, और जल्द ही साजिश के सूत्रधारों का पर्दाफाश होने की उम्मीद है।