सरकार ने बोर्नवीटा जैसे तमाम प्रोडक्ट्स को हेल्थ कैटेगरी से हटाने का लिया निर्णय, बच्चों की हेल्थ के लिए नुकसानदेह

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HEALTH NEWS : आज की भागदौड़ भरी लाइफ में सेहत और खानपान का ध्यान रखपाना किसी जंग लड़ने जैसा होता है ऐसे में शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने का दावा करने वाले उत्पादों का सहारा लेना शायद लोगों को बेहद आसान लगता है, इतना ही नहीं युवा और बड़े लोगों के साथ बच्चों का खानपान भी माता पिता के लिए बड़ी चुनौती होती है ऐसे में हमारे देश में बच्चों की लम्बाई और शारीरिक ग्रोथ बढ़ाने का दावा करने वाले बॉर्नविटा जैसे तमाम हेल्‍थ ड्रिंक्स बाजार और ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर उपलब्ध हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ऐसे हेल्थ ड्रिंक्स वाकई में आपके बच्चों के लिए सेहतमंद हैं भी या नहीं? आपके पास शायद जवाब न हो लेकिन इन प्रोडक्ट्स को भारत सरकार ने हेल्थ ड्रिंक्स के नाम पर बेवरेज में बेचने को लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है !


Bournvita Health drink


भारत सरकार के द्वारा लिए गए फैसले के मुताबिक अब बाजार में बॉर्नविटा जैसे तमाम ड्रिंक्स ई-कॉमर्स साइट पर हेल्थ ड्रिंक्स के नाम से नहीं बेचे जा सकेंगे, उद्योग मंत्रालय ने भी हेल्थ ड्रिंक्स पर देश की सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को एक एडवाइजरी जारी की है. जिसमें बताया गया है कि बॉर्नविटा और दूसरे बेवरेज को हेल्थ ड्रिंक्स कैटेगरी में अब नहीं रखा जाएगा, ऐसे में देश के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने वेबसाइट से बॉर्नविटा सहित सभी बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक्स कैटेगरी’ से हटाने के लिए कहा है. सरकार द्वार जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि विभाग के संज्ञान में आया है कि बॉर्नविटा सहित कुछ पेय पदार्थों को ई-कॉमर्स साइटों और प्लेटफार्म्स पर ‘हेल्थ ड्रिंक’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है !


बाल संरक्षण आयोग ने अपनी जांच में पायी कमी : सरकार के राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपनी जांच के बाद पाया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स कानून के तहत ‘हेल्थ ड्रिंक्स’ की कोई परिभाषा नहीं है. जिसको ध्यान में रखते हुए ई-कॉमर्स कंपनियों और वेबसाइट्स को सलाह दी जाती है कि वे अपने प्लेटफॉर्म्स से बॉर्नविटा सहित अन्य सभी बेवरेज को ‘हेल्थ ड्रिंक्स’ की कैटेगरी से हटा दें, आपको बता दें कि एनसीपीसीआर ने चिट्ठी लिखकर बॉर्नविटा जैसे तमाम हेल्‍थ ड्रिंक्स और बेवरेज को बच्चों की हेल्थ के लिए नुकसानदेह बताया था. बोर्टवीटा जैसे तमाम प्रोडक्ट्स पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की जांच रिपोर्ट आने के बाद डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने चिट्ठी लिखकर एडवाइजरी जारी की है.



 

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