झारखंड में चाईबासा स्थित एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को 27 मार्च 2024 को स शरीर उपस्थित होने का निर्देश जारी किया है. यह मामला 2018 का है. भाजपा को लेकर राहुल गांधी द्वारा 2018 में आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी, जिसको लेकर चाईबासा में भाजपा के नेता प्रताप कटियार द्वारा चाईबासा कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में वाद दायर किया गया था.
यह मामला रांची के एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया था, लेकिन चाईबासा में एमपी एमएलए कोर्ट शुरू होने के बाद इस केस को यहां ट्रांसफर कर दिया गया. राहुल गांधी के खिलाफ वाद दायर करने वाले भाजपा नेता प्रताप कटियार के अधिवक्ता केशव प्रसाद ने बताया कि इस मामले में अप्रैल 2022 में चाईबासा एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. जिस पर उनके द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया. तब 27 फरवरी 2024 को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया.
इसके बाद राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में आवेदन देकर सशरीर उपस्थित होने से छूट मांगी, लेकिन अदालत ने 14 मार्च 2024 को उनके आवेदन को खारिज करते हुए 27 मार्च को सशरीर उपस्थित होने का आदेश जारी किया है. ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने वर्ष 2018 में कहा था कि भाजपा में कोई भी हत्यारा अध्यक्ष बन सकता है.