बच्चों की शैतानिया आपको कभी कभी बहुत परेशान करती होगी, ऐसे में कभी कभी आपके बच्चे किसी बात को लेकर इतना ज्यादा जिद करते हैं कि उन्हें समझाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, कुछ पेरेंट्स बच्चों को ऊंची आवाज में डांटते हैं, तो कुछ उन पर हाथ तक उठा देते हैं। हालांकि, मनोचिकित्सक के हिसाब से यह सही तरीका नहीं माना जाता है। माता-पिता की ओर से बच्चों पर चीखना-चिल्लाना सिचुएशन को और भी ज्यादा क्रिटिकल बना सकता है। ऐसे में बच्चे आपके बात मानने के बजाय आपसे दूरी बना सकते हैं। यहां तक कि आपसे बात छुपाना भी शुरू कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने बच्चों को सही तरीके से समझाएं।
अगर आपके बच्चे भी काफी बदतमीजी करते हैं और उन्हें समझाने की जरूरत है, तो यह आर्टिकल बिल्कुल आपके लिए है। दरअसल, इसके लिए हमने आर्टेमिस अस्पताल के मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान के प्रमुख मनोचिकित्सक व प्रमुख सलाहकार डॉ. राहुल चंडोक से बातचीत की है। उन्होंने इसके लिए कुछ टिप्स भी बताए हैं। तो चलिए एक्सपर्ट के मुताबिक, बच्चों के बर्ताव में सुधार लाने के आसान से टिप्स के बारे में जान लेते हैं ।
बच्चों की बात धैर्य से सुनें : जिद्दी बच्चों की इच्छा शक्ति बहुत मजबूत होती है। माता-पिता अगर उनकी बात न माने तो वह बहस तक करने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स भी अगर उसी लहजे में बच्चे से बात करेंगे तो बच्चे का जिद्द ज्यादा बढ़ सकता है। यही नहीं, अगर उसकी जिद्द को पूरा न किया गया, तो वह आपकी हर बात को इग्नोर कर सकता है। ऐसे में, कोशिश करें कि आप अपने बच्चों की बात को धैर्य से सुनें।
बच्चे के बर्ताव पर प्रतिक्रिया न दें आपका बच्चा अगर अच्छा करे तो उसकी तारीफ जरूर करें। लेकिन, अगर आपका बच्चा कोई गलत बात करे या ज्यादा जिद करे तो इसपर पेरेंट्स को प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए। इस परिस्थिति में बच्चे पर चिल्लाने या डांटने से ज्यादा असर आपकी चुप्पी कर सकता है। इससे बच्चे को लगेगा कि उनका माता या पिता उनकी वजह से ही चुप हैं। हो सकता है कि इस दौरान बच्चे आपसे माफी मांगने की भी कोशिश कर सकते हैं।
बच्चों को प्यार से समझाएं : बच्चे कितनी भी बदमाशी करें अगर आप भी उन पर गुस्सा करेंगे या उन्हें चिल्लाकर समझाएंगे तो उसकी जिद्द और भी ज्यादा बढ़ सकती है। साथ ही, बच्चों के मस्तिष्क और मन को भी प्रभावित कर सकता है। इसलिए, आप हमेशा बच्चों को प्यार से ही समझाने की कोशिश करें। यह तरीका उनका बर्ताव में बदलाव लाने के लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है।