

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला है। मोइत्रा ने बिहार में 56 लाख वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाने के मुद्दे पर सवाल उठाते हुए गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर इतनी बड़ी संख्या में “अवैध घुसपैठिए” बिहार में प्रवेश कर गए, तो यह गृह मंत्रालय की विफलता है।
मोइत्रा ने कहा, “अगर केंद्र सरकार का मानना है कि बिहार में 56 लाख लोग घुसपैठ करके आ गए, तो गृह मंत्रालय क्या कर रहा था? यह गृह मंत्री की जिम्मेदारी है, और उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।” उन्होंने चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह संवैधानिक संस्था भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इशारे पर काम कर रही है। मोइत्रा ने एएनआई से बातचीत में कहा, “भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। चीफ इलेक्शन कमिश्नर बीजेपी के प्रवक्ता की तरह बोल रहे हैं।”
#WATCH | Delhi: On the SIR, TMC MP Mahua Moitra says, "Such a thing has never happened in the history of India. Election Commission, which is a constitutional body, is working as a branch of the BJP. CEC speaks like a spokesperson of the BJP… In 24 hours, the number of… pic.twitter.com/wpXMjVcK2b
— ANI (@ANI) July 25, 2025
एसआईआर का मुद्दा और विवाद : चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची की शुद्धता के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू किया था, जिसके तहत 56 लाख वोटरों के नाम गलत या संदिग्ध पाए गए। आयोग के एक अधिकारी के अनुसार, ये नाम फर्जी वोटिंग को रोकने के लिए हटाए जाएंगे, जिसमें एक लाख “लापता” वोटरों को अवैध प्रवासी माना गया है। बिहार में कुल 7.9 करोड़ वोटरों में से यह संख्या लगभग 7% है। नई मतदाता सूची का ड्राफ्ट 1 अगस्त 2025 को जारी होने वाला है।
इस मुद्दे ने संसद के मॉनसून सत्र में हंगामे को जन्म दिया है। विपक्ष, खासकर टीएमसी और अन्य गठबंधन दल, इसे बीजेपी की साजिश करार दे रहे हैं। मोइत्रा ने दावा किया कि यह कदम विपक्षी दलों के वोट बैंक को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने सवाल उठाया, “इतनी बड़ी संख्या में अवैध वोटर कैसे दर्ज हो गए? यह सीमा सुरक्षा का मसला है, जो गृह मंत्रालय के अधीन है। अमित शाह को जवाब देना होगा।”
सियासी तनातनी तेज : महुआ मोइत्रा के इस बयान ने बिहार की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर हमले तेज कर दिए हैं, जबकि बीजेपी ने इसे मतदाता सूची को पारदर्शी बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम बताया है। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह विवाद और गहरा सकता है।
मोइत्रा के बयान ने सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस छेड़ दी है। जहां कुछ लोग उनके साहस और स्पष्टवादिता की तारीफ कर रहे हैं, वहीं बीजेपी समर्थक इसे विपक्ष की हताशा करार दे रहे हैं। इस बीच, गृह मंत्रालय की ओर से इस मांग पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। एसआईआर के मुद्दे पर संसद में चर्चा और हंगामा जारी है। विपक्ष इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर हमला बता रहा है, जबकि सत्तारूढ़ दल इसे चुनावी प्रक्रिया में सुधार का कदम करार दे रहा है। बिहार में इस मुद्दे का असर आगामी चुनावी रणनीतियों पर पड़ना तय है। महुआ मोइत्रा की यह मांग क्या सियासी रंग लेगी या गृह मंत्रालय कोई स्पष्टीकरण देगा, यह देखना बाकी है।