

नई दिल्ली/माले: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदीव की राजधानी माले की अपनी ऐतिहासिक यात्रा के दौरान भारत-मालदीव संबंधों को नई मजबूती प्रदान की। इस दौरे में दोनों देशों ने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता शुरू करने और निवेश को बढ़ावा देने का महत्वपूर्ण फैसला लिया। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नई दिल्ली में बताया कि एफटीए के लिए टर्म्स ऑफ रिफरेंस पर सहमति बन गई है, जो सामान्यतः समय लेने वाली प्रक्रिया होती है। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और गति मिलने की उम्मीद है।
महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर : भारत और मालदीव ने चार महत्वपूर्ण समझौता पत्रों (एमओयू) और तीन करारों पर हस्ताक्षर किए। इनमें 4,850 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का समझौता शामिल है, जो मालदीव को पहली बार भारतीय रुपये में दी गई ऋण सुविधा है। इसके अलावा, मत्स्य पालन, कृषि, डिजिटल समाधान, पर्यावरण और यूपीआई नेटवर्क के लिए नेटवर्क-टू-नेटवर्क समझौता हुआ। एक अन्य महत्वपूर्ण करार के तहत मालदीव की मौजूदा डॉलर ऋण सीमा में संशोधन किया गया, जिससे उसकी वार्षिक ऋण चुकौती 51 मिलियन डॉलर से 40% घटकर 29 मिलियन डॉलर हो जाएगी।
मालदीव के राष्ट्रपति के भारत विरोधी बयानों पर सफाई : मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के अतीत में भारत विरोधी बयानों पर सवाल उठने पर विदेश सचिव मिस्री ने कहा कि दोनों देशों के रिश्ते अब सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुइज्जू ने पहलगाम हमले के संदर्भ में भारत के आतंकवाद विरोधी प्रयासों का समर्थन किया और मालदीव में भारत की मेडिकल एवेक्यूशन सुविधा की उपलब्धता की सराहना की।
पीएम मोदी: “रिश्ते समुद्र जितने गहरे : पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव के रिश्ते इतिहास से भी पुराने और समुद्र जितने गहरे हैं। एक डाक टिकट के विमोचन के दौरान उन्होंने कहा कि दोनों देश न केवल पड़ोसी हैं, बल्कि सहयात्री भी हैं। उन्होंने मालदीव को भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘सागर विजन’ में महत्वपूर्ण स्थान बताया। पीएम ने कहा कि आपदा हो या महामारी, भारत हमेशा मालदीव के लिए पहला सहायता प्रदाता रहा है। कोविड के बाद आर्थिक सहायता से लेकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति तक, भारत ने हर कदम पर मालदीव का साथ दिया।
विकास परियोजनाओं में भारत का योगदान : भारत के सहयोग से मालदीव में 4,000 सोशल हाउसिंग यूनिट्स, ग्रेटर माले कनेक्टिविटी, अड्डू रीप्रो रोड प्रोजेक्ट और हनिमाधु हवाई अड्डे जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। ये परियोजनाएं मालदीव को क्षेत्रीय ट्रांजिट हब के रूप में स्थापित करेंगी। फेरी सिस्टम से द्वीपों के बीच आवागमन आसान होगा, जिससे दूरी को अब ‘फेरी टाइम’ से मापा जाएगा। इसके अतिरिक्त, 565 मिलियन डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) की लाइन ऑफ क्रेडिट से मालदीव के बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति मिलेगी।
एफटीए और यूपीआई से मजबूत होगी साझेदारी : पीएम मोदी ने एफटीए वार्ता को ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि यह कागजी कार्रवाई से समृद्धि की ओर ले जाएगा। स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली से रुपये और मालदीवी रूपिया में सीधा व्यापार संभव होगा, जबकि यूपीआई के विस्तार से पर्यटन क्षेत्र को बल मिलेगा। उन्होंने सुरक्षा, मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग पर भी जोर दिया।
मुइज्जू: भारत के सहयोग से प्रगति : मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने पीएम मोदी की यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि 565 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट का उपयोग रक्षा, खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में किया जाएगा। उन्होंने एफटीए वार्ता को आर्थिक साझेदारी का मजबूत आधार बताया। मुइज्जू ने भारत द्वारा आवश्यक वस्तुओं के निर्यात और मालदीव की राष्ट्रीय रक्षा बल के लिए 72 वाहनों की आपूर्ति के लिए आभार जताया। उन्होंने पर्यावरण, जैव विविधता और नवीकरणीय ऊर्जा में भारत के तकनीकी सहयोग की भी सराहना की। पीएम मोदी की माले यात्रा ने भारत-मालदीव संबंधों को नई दिशा दी है। एफटीए, यूपीआई, और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के साथ दोनों देशों की साझेदारी अब न केवल आर्थिक, बल्कि सामरिक और सांस्कृतिक रूप से भी मजबूत हो रही है। यह यात्रा दोनों देशों के बीच ‘दोस्ती पहले’ के सिद्धांत को और गहरा करती है।