

रिपोर्ट : अनुराग श्रीवास्तव – कानपुर
कानपुर, जो लंबे समय से उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी के रूप में जाना जाता है, अब नई ऊंचाइयों को छूने की तैयारी में है। आने वाले दिनों में शहर में करीब 12 हजार करोड़ रुपये का भारी-भरकम निवेश आने वाला है, जो न केवल अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा बल्कि हजारों बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोलेगा। उद्योग विभाग के अधिकारियों ने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के लिए पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है और फरवरी में आयोजित होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं।
निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर का सिलसिला शुरू हो चुका है। जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त उद्योग अंजनीश प्रताप सिंह ने बताया कि अब तक कुल 42 निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनकी संयुक्त लागत 5400 करोड़ रुपये है। इस महीने के अंत तक अतिरिक्त 4000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव और जुड़ने की संभावना है। उन्होंने दावा किया कि निर्धारित 12 हजार करोड़ के लक्ष्य से कहीं अधिक निवेश प्रस्ताव हासिल कर लिए जाएंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस सत्र में सभी प्रस्ताव केवल कागजों पर नहीं रहेंगे, बल्कि धरातल पर उतरते नजर आएंगे।
पिछले निवेशों का असर पहले से ही दिखाई दे रहा है। अब तक 1400 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतर चुके हैं, जिनसे कई नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं। इन इकाइयों ने हजारों युवाओं को सीधे रोजगार प्रदान किया है। अब आने वाले 12 हजार करोड़ के निवेश से करीब 5 हजार और युवाओं को नौकरियों के अवसर मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। यह निवेश कानपुर के युवाओं के लिए वरदान साबित होगा और बेरोजगारी की समस्या को काफी हद तक कम करेगा।
इस बार निवेशकों की सूची में कई बड़े और नामचीन समूह शामिल हैं। ताज होटल समूह कानपुर में अपनी मौजूदगी दर्ज कराएगा। इसके अलावा जेटेटा का बड़ा प्रोजेक्ट और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े कई प्रतिष्ठित समूह यहां निवेश करने वाले हैं। कई अन्य बड़ी कंपनियां भी शहर में अपनी इकाइयां स्थापित करने की योजना बना रही हैं। जिला प्रशासन भी पूरी तरह सक्रिय है। डीएम की अध्यक्षता में इस संबंध में पहली बैठक सफलतापूर्वक हो चुकी है और आगे की रणनीति पर चर्चा जारी है।
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के तहत आने वाले इन निवेश प्रस्तावों से कानपुर में 100 से अधिक नई औद्योगिक इकाइयां शुरू होने की तैयारी है। इन इकाइयों से स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ेगा, जिससे निर्यात को बल मिलेगा और उद्यमियों को सीधा मुनाफा होगा। कानपुर के पारंपरिक उद्योगों जैसे चमड़ा, कपड़ा और इंजीनियरिंग के साथ-साथ नए क्षेत्रों में भी विकास होगा।
वर्तमान में अमेरिकी टैरिफ लागू होने से कई स्थानीय कारोबारी प्रभावित हैं और उनका निर्यात कारोबार मंदा चल रहा है। ऐसे में यह नया निवेश उन्हें बड़ी राहत प्रदान करेगा। नए उद्योग लगने से सप्लाई चेन मजबूत होगी और स्थानीय बाजार में नई गतिविधियां शुरू होंगी।
कुल मिलाकर यह निवेश कानपुर को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक मानचित्र पर और मजबूत स्थिति में ला खड़ा करेगा। शहर की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकेगा और आने वाले वर्षों में विकास की नई इबारत लिखेगा।






